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नेतन्याहू रहेंगे या जाएंगे इस्राईल और ग़ज़्ज़ा के सामने कठिन दिन

नेतन्याहू रहेंगे या जाएंगे इस्राईल और ग़ज़्ज़ा के सामने कठिन दिन नेतन्याहू को सत्ता से हटाने के लिए एकजुट हुआ विपक्ष संभव है कि अपने प्रयास में सफल रहे और नेतनयाहू का 12 साल चलने वाला शासन समाप्त कर दें लेकिन सत्ता में नेतन्याहू रहे या नफ्ताली बेनेट लैपिड के नेतृत्व वाला गठबंधन, इस्राईल नेतन्याहू की राइट विंग और नस्लवादी नीतियों से मुंह नहीं मोड़ पाएगा।

मीडिल ईस्ट मॉनीटर की रिपोर्ट के अनुसार सत्ता में आने वाला गठबंधन भी नेतन्याहू की ही तरह है वह ज़ायोनिज़्म और कट्टर यहूदीवाद से ओत प्रोत है।

एक समय में यह विपक्षी नेता नेतन्याहू के निकट सहयोगी माने जाते थे। नेतन्याहू के विरोधियों में जो एक साझा बात है वह नेतन्याहू से निजी एवं राजनीतिक जीवन में पाई जाने वाली गंभीर प्रतिद्वंदिता और आपसी रंजिश है।

इस बात को एक तरफ रख दें तो नेतन्याहू और उनके विरोधियों में कुछ भी फर्क नहीं है। वह सब एक से हैं। बल्कि यह कहा जा सकता है कि नेतन्याहू के विरोधी फिलिस्तीनी भूमियों में अवैध आवासीय इकाई बनाने के लिए नेतन्याहू से ज्यादा उतावले हैं।

फिलिस्तीन के एक भाग से दूसरे भाग तक अर्थात जॉर्डन नदी के तट से लेकर समुद्र तट तक अवैध आवासीय इकाइयां बनाने के पक्षधर हैं।

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