नेतन्याहू को क़ैदियों की रिहाई का समझौता स्वीकार कर लेना चाहिए: इज़रायली सेना चीफ़
इज़रायली सेना के चीफ ऑफ स्टाफ एयाल ज़ामिर ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को सीधे संदेश में कहा है कि ग़ाज़ा में बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई के मौजूदा अवसर का फ़ायदा उठाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि ग़ाज़ा पर पूरी तरह क़ब्ज़े की ओर कोई भी क़दम बंधकों की ज़िंदगियों को गंभीर ख़तरे में डाल देगा।
ज़ामिर ने कहा कि सैन्य और सुरक्षा कारणों से इस मसले को बेहद सावधानी से संभालने की ज़रूरत है। उन्होंने साफ़ किया कि पिछले महीनों में सेना ने ऐसे हालात तैयार किए हैं जो एक डील को संभव बना सकते हैं। उन्होंने राजनीतिक नेतृत्व से इस मौके को गंवाने के बजाय उसका इस्तेमाल करने की अपील की।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर ग़ाज़ा शहर पर हमले से पहले युद्ध-विराम तक पहुंचने और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ रहा है। कई महीनों से इज़रायल और हमास के बीच अप्रत्यक्ष युद्ध-विराम वार्ताएं जारी हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक नेतन्याहू की सरकार के दक्षिणपंथी सदस्य हमास के साथ किसी भी समझौते का कड़ा विरोध कर रहे हैं। दक्षिणपंथी वित्त मंत्री स्मोट्रिच ने बंधकों के रिश्तेदारों से यहां तक कह दिया है कि, अगर नेतन्याहू युद्ध-विराम पर राज़ी हो जाते हैं तो वे सरकार से बाहर निकल जाएंगे।
इसी बीच इज़रायली जनता का बड़ा हिस्सा तेल अवीव में लगातार प्रदर्शन कर रहा है और बंधकों की रिहाई व युद्ध-विराम की मांग कर रहा है। एक वैकल्पिक सुझाव के रूप में विपक्षी नेता और पूर्व रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने शनिवार को प्रस्ताव दिया कि बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए छह महीने की अवधि के लिए नई सरकार बनाई जा सकती है। गैंट्ज़ ने 2024 में कई मुद्दों पर मतभेद के कारण नेतन्याहू की सरकार छोड़ दी थी।

