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ख़ुफ़िया लिफ़ाफ़ा मिलते ही अदालत से बाहर निकल गए  नेतन्याहू

ख़ुफ़िया लिफ़ाफ़ा मिलते ही अदालत से बाहर निकल गए  नेतन्याहू

इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भ्रष्टाचार से जुड़ी अदालत में चल रही सुनवाई आज उस समय अचानक रोक दी गई जब वह अपने सैन्य सलाहकार से एक गोपनीय लिफ़ाफ़ा प्राप्त करने के बाद बिना कोई स्पष्टीकरण दिए अदालत से चले गए।

इज़रायली मीडिया के अनुसार, यह पहली बार था जब नेतन्याहू का सैन्य सलाहकार खुद अदालत पहुंचा और तत्काल सुनवाई को रोकने की माँग की। उन्होंने अदालत को बताया कि प्रधानमंत्री को एक ‘आपातकालीन सुरक्षा स्थिति’ से अवगत कराना ज़रूरी है। इसके बाद उन्होंने नेतन्याहू को एक सीलबंद लिफ़ाफ़ा सौंपा, जिसे देखते ही नेतन्याहू बिना किसी टिप्पणी के अदालत से निकल गए।

इस घटनाक्रम ने इज़रायली राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह लिफ़ाफ़ा किसी गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा संकट की ओर इशारा करता है — संभवतः ग़ाज़ा से जुड़े किसी सैन्य घटनाक्रम या घरेलू अशांति से जुड़ा मामला हो सकता है।

उल्लेखनीय है कि नेतन्याहू कई वर्षों से भ्रष्टाचार, घूसखोरी और सत्ता के दुरुपयोग जैसे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने मीडिया कवरेज के बदले कारोबारी हस्तियों से महंगे उपहार लिए। इन मामलों की सुनवाई पिछले कुछ वर्षों से लगातार चल रही है, लेकिन हर बार किसी न किसी राजनीतिक या सुरक्षा बहाने से इसे टाल दिया जाता रहा है।

ग़ौरतलब है कि हाल के महीनों में नेतन्याहू सरकार पर विरोध का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। ग़ाज़ा युद्ध में इज़रायल की सैन्य विफलताओं और युद्ध-विराम को लेकर अमेरिका व अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ बिगड़ते संबंधों ने प्रधानमंत्री की स्थिति और भी अस्थिर बना दी है।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि लिफाफे में क्या था और क्या वास्तव में कोई आपात स्थिति है, या यह अदालत की कार्यवाही को एक बार फिर टालने की रणनीति है। पर एक बात तो तय है कि, इज़रायल की राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर संकट के मुहाने पर खड़ी दिखाई दे रही है।

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