बढ़ते तनाव के बीच नाटो ने यूक्रेन की राजधानी में अपना कार्यालय किया बंद समाचार सूत्रों ने शनिवार की रात यूक्रेनी राजधानी में नाटो कार्यालय को बंद करने की सूचना दी। यूक्रेन पर संभावित रूसी हमले के साथ कर्मचारियों के लिए सुरक्षा प्रदान करने का दावा किया।
नाटो के एक अधिकारी ने आईएईए को बताया कि यूक्रेन की राजधानी कीव में गठबंधन के कार्यालय को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है और नाटो कर्मियों को यूक्रेन के ल्वीव और बेल्जियम के शहरों में भेजा जाएगा लेकिन यूक्रेन में नाटो मिशन जारी रहेगा। अनाम नाटो अधिकारी ने कहा कि गठबंधन सेना यूक्रेन में स्थिति की निगरानी कर रही है और एहतियाती कदम उठा रही है।
नाटो कर्मचारियों की सुरक्षा नाटो के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है इसलिए सदस्यों को ल्वीव और ब्रुसेल्स में स्थानांतरित कर दिया गया है। वहीं रूस के खिलाफ पश्चिमी माहौल बनाया जा रहा है और बाल्टिक क्षेत्र को सैन्य अड्डे में बदलना जारी रखते हुए जर्मन सरकार ने अन्य पश्चिमी सरकारों के साथ अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी।
समाचार सूत्रों ने शनिवार शाम सूचना दी कि जर्मन सरकार ने यूक्रेन में अपने सभी नागरिकों को जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी थी। जर्मन एयरलाइन लुफ्थांसा ने भी घोषणा की है कि वह यूक्रेन के लिए उड़ानें निलंबित कर देगी। फ्रांस ने अपने सभी नागरिकों से शनिवार को यूक्रेन छोड़ने का आह्वान किया।
इस बीच, यूक्रेन के संकट को लेकर अमेरिका और रूस के बीच पिछले कुछ हफ़्तों के दौरान हुए कई कूटनीतिक संवाद बेनतीजा रहे हैं। अमेरिका ने रूस की सुरक्षा संबंधी मांगों को सिरे से ख़ारिज कर दिया है। अमेरिका इस अटकल को भी ख़ूब हवा दे रहा है कि सुरक्षा का बहाना करके रूस दरअसल यूक्रेन पर हमले की फ़िराक़ में है। अमेरिका ने मिसाल के तौर पर उस वीडियो गेम का हवाला दिया है जिसमें रूस को यूक्रेन पर हमला करते हुए दिखाया गया है। अमेरिका ने धमकी दी है कि अगर रूस, यूक्रेन पर हमला करता है तो उसे बेहद सख़्त प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। ये पाबंदियां पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर पहले से लगाई गई सैकड़ों पाबंदियों के अलावा होंगी।
रूस ने यूक्रेन पर हमले की तमाम आशंकाओं को सिरे से ख़ारिज किया है। हालांकि इसके साथ ही साथ रूस ने ज़ोर देकर ये भी कहा है अगर पश्चिमी देश जल्द से जल्द उसकी चिंताओं को दूर नहीं करते हैं तो उसके सब्र का बांध टूट जाएगा। फिर इस संकट के ‘सैन्य और तकनीकी’ नतीजी निकल सकते हैं। हालांकि रूस ने ये साफ़ नहीं किया है कि ‘सैन्य तकनीकी’ नतीजों से उसका क्या मतलब है।