मुसलमानों को इज़रायल से हर तरह के संबंध तोड़ने होंगे: आयतुल्लाह ख़ामेनेई
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनेई ने इज़रायली अपराधों के खिलाफ़ दुनिया भर के देशों से संबंध तोड़ने की अपील की है। ईरान मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि दुनिया के देश, ख़ासकर मुस्लिम देश, ग़ाज़ा में इज़रायली शासन के “विनाशकारी अपराधों” का मुक़ाबला करने के लिए उसके साथ सभी व्यापारिक और राजनीतिक संबंध समाप्त कर दें।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने ये बयान रविवार को तेहरान में राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान और उनकी कैबिनेट के मंत्रियों के साथ मुलाक़ात के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि ज़ायोनी सेना बिना किसी शर्म के कई अपराध और चौंकाने वाली तबाहियाँ कर रही है। उन्होंने आगे कहा, “भले ही ये अपराध अमेरिका जैसे ताक़तवर देश के समर्थन से किए जा रहे हों, लेकिन इस हालात का मुक़ाबला करने का रास्ता बंद नहीं है।”
ईरानी राष्ट्रपति ने भी ज़ोर देकर कहा कि “विरोध जताने वाले देशों, ख़ासकर मुस्लिम देशों को इज़रायल के साथ अपने व्यापारिक और यहाँ तक कि राजनीतिक संबंध पूरी तरह समाप्त करके उसे पूरी तरह तनहा कर देना चाहिए।”
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इज़रायल को दुनिया का “सबसे अधिक अकेला और नफ़रत किया जाने वाला” शासन बताया और कहा कि ईरान की कूटनीति का एक अहम लक्ष्य यह होना चाहिए कि दूसरे देशों पर दबाव डाला जाए कि वे इस अपराधी सेना के साथ अपने राजनीतिक और व्यापारिक संबंध समाप्त करें।
अपने बयान में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि ईरान की सरकार राष्ट्रीय शक्ति और सम्मान के स्तंभों को मज़बूत करने की ज़िम्मेदार है। इनमें सबसे अहम है – राष्ट्र की भावना, हिम्मत, एकता और उम्मीद, जिन्हें शब्दों और कर्म – दोनों से पैदा किया जाना चाहिए और मज़बूत किया जाना चाहिए।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने प्रशासन से यह भी कहा कि वह ईरानी जनता की अर्थव्यवस्था और जीवन की परिस्थितियों को बेहतर बनाने को प्राथमिकता दे।

