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ब्रिटेन की आधी से अधिक आबादी होलोकॉस्ट के बारे में नही जानती

ब्रिटेन की आधी से अधिक आबादी होलोकॉस्ट के बारे में नही जानती एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि अधिकांश ब्रिटेन का मानना ​​​​है कि आज लोग पहले की तुलना में होलोकॉस्ट के बारे में कम जानकारी रखते हैं।

ब्रिटेन में आधे ब्रिटानियों को ठीक से पता तक नहीं है कि होलोकॉस्ट में क्या हुआ था।

अध्ययन में यह भी पाया गया कि 67% ब्रिटेन में रहने वाले लोगों ने गलती से यह मान लिया था कि ब्रिटिश सरकार ने सभी या कुछ यहूदियों को प्रवास करने की अनुमति दी थी, जब कि वास्तव में ब्रिटिश सरकार ने युद्ध की शुरुआत में यहूदी आप्रवास पर दरवाजा बंद कर दिया था।

जर्मनी के खिलाफ यहूदी सामग्री दावों के सम्मेलन द्वारा शुरू किए गए सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि सिर्फ लगभग तीन-चौथाई लोग जानते थे कि यह नाम यहूदियों के खिलाफ नरसंहार के आरोपों से संबंधित था।

अध्ययन में 29 सितंबर और 17 अक्टूबर, 2021 के बीच 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 2,000 ब्रिटेन में रहने वाले लोगों से सवाल पूछा गया।

बता दें कि 1941 से 1945 के बीच हुए यहूदी नरसंहार में करीब 60 लाख यहूदियों की जान ली गई। यहूदियों को ट्रेनों में भर कर यातना शिविरों में भेजा जाता था, जहां उन्हें प्रताड़ित किया जाता था और गैस चैंबर में डाल कर उनकी जान ली जाती थी।

इतिहास में इस तरह की और भी घटनाएं मिलती हैं, लेकिन होलोकॉस्ट की कुछ बातें उसे विलक्षण बनाती हैं। नाजी जर्मनी के अलावा भी कई सरकारों ने कैंप सिस्टम और टेक्नॉलजी का सहारा लिया और इतिहास के ज्यादातर हिस्से में यहूदियों का कत्ल किया जाता रहा। लेकिन दो मुख्य वजहों से होलोकॉस्ट को सबसे अलग कहा जा सकता है।

  1. दूसरे समूहों के प्रति अपनी नीतियों से अलग नाजियों ने हर यहूदी को मारने का बीड़ा उठाया। इसके लिए उन्होंने उम्र, लिंग, आस्था या काम की परवाह नहीं की। उन्होंने इस मकसद को अंजाम देने के लिए खास तौर पर एक आधुनिक नौकरशाही का इस्तेमाल किया।
  2. नाजी नेतृत्व का कहना था कि दुनिया से यहूदियों को मिटाना जर्मन लोगों और पूरी इंसानियत के लिए फायदेमंद होगा। हालांकि असल में यहूदियों की ओर से उन्हें कोई खतरा नहीं था।
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