लेबनान में 9 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट में बताया कि इज़रायल के हवाई हमलों की वजह से लेबनान में व्यापक पैमाने पर मानवीय संकट पैदा हो गया है। पिछले महीने इज़रायल द्वारा लेबनान पर किए गए हमलों के कारण लगभग 9 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं। इनमें से 6 लाख से अधिक लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं, जबकि 3 लाख से अधिक लोग देश से बाहर जाने को मजबूर हुए हैं।
यह आंकड़े 2006 में लेबनान और इज़रायल के बीच हुए युद्ध के दौरान के विस्थापन से मेल खाते हैं, जो उस समय भी एक बड़ा मानवीय संकट था। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन हमलों के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुई स्थिति बेहद गंभीर है, और संयुक्त राष्ट्र ने इसे लेबनान के लिए एक अत्यधिक चिंताजनक स्थिति बताया है। इसके बावजूद, लेबनान के अधिकारियों का कहना है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक है और उनका अनुमान है कि हालिया संघर्षों के कारण लगभग 1 मिलियन (10 लाख) लोग बेघर हो चुके हैं।
इज़रायली प्रधानमंत्री ने हाल ही में लेबनान के लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह लेबनान को ग़ाज़ा में बदल सकते हैं, जो इज़रायल और फ़िलिस्तीन के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष का प्रतीक है। इस चेतावनी ने लेबनान के लोगों के बीच और अधिक भय और चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि गाजा में पहले से ही गंभीर मानवीय संकट है, और ऐसे किसी भी कदम से लेबनान की स्थिति और खराब हो सकती है।
यूनिसेफ के प्रवक्ता जेम्स एल्डर ने भी इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यदि हम इज़रायल द्वारा लेबनान पर किए गए प्रारंभिक हमलों की हिंसा, भाषा और बड़े पैमाने पर विस्थापन की घटनाओं पर ध्यान दें, तो गाजा के संघर्ष के साथ समानताएं स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। यह संकेत करता है कि अगर स्थिति को तुरंत नियंत्रण में नहीं लिया गया, तो लेबनान भी ग़ाज़ा जैसी मानवीय त्रासदी का सामना कर सकता है।
इस गंभीर स्थिति के बावजूद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा इस संकट को समाप्त करने के लिए कदम उठाने की अभी भी उम्मीद की जा रही है, ताकि लेबनान के नागरिकों की स्थिति और अधिक खराब न हो।