इज़रायल के बर्बर हमलों में 50 से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद
क़ब्ज़ाधारी इज़रायली सेना की तरफ़ से ग़ाज़ा पर नस्लकुशी की जंग अपने 707वें दिन में दाख़िल हो गई है। हवाई और ज़मीनी बमबारी के साथ-साथ भूख से मरते फ़िलिस्तीनियों और जबरन बेघर किए गए लोगों का क़त्लेआम जारी है। यह सब अमेरिका की खुली राजनीतिक और सैन्य सरपरस्ती तथा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की शर्मनाक चुप्पी और बेहिसी के साये में हो रहा है।
ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़, पिछले 24 घंटों में 50 से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद और सैकड़ों घायल हुए। रिपोर्ट में बताया गया कि क़ब्ज़ाधारी सेना ने कई हवाई हमले किए और नए क़त्लेआम किए। इस समय 20 लाख से अधिक फ़िलिस्तीनी कड़े अकाल और जबरन बेदखली की तकलीफ़ में हैं।
चिकित्सा सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार सुबह ग़ाज़ा के विभिन्न इलाक़ों पर इज़रायली बमबारी से कई लोग शहीद हुए। सुबह ग़ाज़ा शहर पर एक हवाई हमला किया गया, जबकि उत्तरी शहर में इज़रायली ड्रोन “क्वाडकॉप्टर” ने गोलीबारी की।
इज़रायली सेना ने ग़ाज़ा के शेख़ रिज़वान मोहल्ले में नागरिक घरों के बीच एक बम से लदे रोबोट को धमाके से उड़ा दिया। अल-अक़्सा अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि देर अल-बलह में अस्पताल के पास शरणार्थियों के टेंट पर इज़रायली ड्रोन हमले में कई नागरिक घायल हुए। ख़ान यूनुस के मध्य में भी सुबह हवाई हमला किया गया।
क़ब्ज़ाधारी इज़रायल ने मासूम बच्चों को खुलेआम निशाना बनाया है। अब तक 20 हज़ार से अधिक बच्चे और 12 हज़ार 500 महिलाएँ शहीद हो चुकी हैं, जिनमें 8 हज़ार 990 माताएँ शामिल हैं। एक हज़ार से अधिक शिशु शहीद हुए हैं, जिनमें 450 वे नवजात हैं जो जंग के दौरान पैदा हुए और बाद में मार दिए गए। यह सब इस बात का सबूत है कि सबसे कमज़ोर वर्गों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। 18 मार्च 2025 को युद्ध-विराम समझौते के उल्लंघन के बाद इज़रायल ने 12 हज़ार 170 फ़िलिस्तीनियों को शहीद और 51 हज़ार 818 को घायल किया।
भूख से मर रहे हैं बच्चे: यूनिसेफ़
संयुक्त राष्ट्र के बाल संगठन यूनिसेफ़ ने चेतावनी दी है कि घिरे हुए ग़ाज़ा के मासूम बच्चों में कुपोषण की दर खतरनाक रूप से बढ़ रही है। भूख से बच्चे मर रहे हैं। संगठन ने अपने एक प्रेस बयान में बताया कि ताज़ा आंकड़ों के अनुसार अगस्त महीने में बच्चों में गंभीर कुपोषण की दर रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गई।
रिपोर्ट के मुताबिक़, अगस्त में ग़ाज़ा में बच्चों में कुपोषण की दर बढ़कर 13.5% हो गई, जबकि जुलाई में यह 8.3% थी। सरकारी और चिकित्सीय आंकड़ों के अनुसार अब तक ग़ाज़ा में कुपोषण के कारण 411 फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं, जिनमें 142 बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा लगभग 6 लाख 50 हज़ार बच्चे भूख, कुपोषण और मौत के ख़तरे से जूझ रहे हैं। वहीं 40 हज़ार शिशु दूध न मिलने के कारण मौत के कगार पर हैं।
यूनिसेफ़ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने बताया कि अगस्त में ग़ाज़ा शहर में हर पाँचवाँ बच्चा गंभीर कुपोषण से पीड़ित पाया गया जिसे जीवनरक्षक खाद्य सहायता की तुरंत ज़रूरत थी। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ़ ने कुछ अतिरिक्त सहायता सामग्री ग़ाज़ा भेजने में सफलता पाई, लेकिन इज़रायली हमलों ने 10 से अधिक पोषण केंद्र बंद करवा दिए, जिससे बच्चों की ज़िंदगियाँ और ख़तरे में पड़ गईं।
इज़रायली सेना ने तुलकरम का घेराव किया
गुरुवार को इज़रायली सेना ने उत्तरी वेस्ट बैंक के शहर तुलकरम पर पूर्ण घेराबंदी कर दी और नागरिकों के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियाँ और फील्ड पूछताछ शुरू की, जिसमें दर्जनों फ़िलिस्तीनियों को निशाना बनाया गया।
यह कार्रवाई तब हुई जब तुलकरम में एक इज़रायली सैन्य वाहन पर लगाए गए बम के फटने से दो इज़रायली सैनिक घायल हो गए। इज़रायली सैन्य रेडियो ने बताया कि घटना के बाद तुलकरम शहर को पूरी तरह घेर लिया गया। सैनिकों ने शहर के बीचोंबीच दुकानों और कैफ़े पर धावा बोला और वहाँ मौजूद हर नागरिक को गिरफ़्तार कर लिया।

