ग़ाज़ा के भूखे बच्चों की तस्वीरें लेकर इज़रायल में नेतन्याहू सरकार के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त प्रदर्शन
जब अरब शासक ग़ाज़ा में हो रहे नरसंहार को खामोशी से देख रहे हैं, उसी समय तेल अवीव में सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने एक बेमिसाल क़दम उठाते हुए भूख से तड़पते बच्चों की तस्वीरें और आटे की बोरियाँ उठाकर जंग और नाकाबंदी के ख़िलाफ़ नारे लगाए।
फार्स न्यूज़ एजेंसी के अंतर्राष्ट्रीय डेस्क के अनुसार:
“जब तेल अवीव में यहूदी, ग़ाज़ा के बच्चों तक खाना पहुँचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, तब डेढ़ अरब की मुस्लिम उम्मत अल-जूलानी के लिए ताली बजाने और अपने शहरों में डांस पार्टी करने में मसरूफ़ है।”यह सोशल मीडिया यूज़र्स के उन गुस्से भरे कमेंट्स में से एक है, जो इज़रायल के क़ब्ज़े वाले इलाक़ों में रहने वाले कुछ यहूदियों और तेल अवीव के नागरिकों द्वारा ग़ाज़ा में बच्चों को भूखा रखने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन पर की गई प्रतिक्रिया है।
इज़रायली मीडिया के अनुसार मंगलवार शाम को बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी तेल अवीव में इज़रायली डिफेंस मिनिस्ट्री के हेडक्वार्टर ‘हाकिर्या’ की तरफ़ मार्च करते हुए ग़ाज़ा में जंग ख़त्म करने और वहां भूख के कारण बढ़ती मौत के बारे में सख़्त चेतावनी देने लगे। प्रदर्शन हबीमा चौक से शुरू हुआ, जहां लोग आटे की बोरियों, ग़ाज़ा के भूखे बच्चों की तस्वीरों और इज़रायली फ़ौज के जुल्मों के ख़िलाफ़ प्लेकार्ड्स लेकर शहर की सड़कों पर निकले।
प्रदर्शन के आयोजकों में से एक एलोन ली ग्रीन ने कहा:
“हम ग़ाज़ा के उन फ़िलिस्तीनी बच्चों की तस्वीरें लेकर आए हैं जो भूख से मर गए हैं। सिर्फ़ और सिर्फ़ भूख से! इज़रायल राहत सामग्री को ग़ाज़ा में जाने से रोक रहा है और हम यहां इसलिए हैं ताकि इस भूखमरी को रोकने की मांग कर सकें।”
जहां एक तरफ़ इज़रायल लगातार ग़ाज़ा में अकाल की खबरों को झुठलाता आया है और दावा करता है कि वह मानवीय मदद जैसे कि खाने की चीज़ों को घुसने दे रहा है, वहीं अब इज़रायली यहूदी ही इस सरकारी दावे को झूठा बता रहे हैं।
प्रदर्शन में हिस्सा लेने वालों में से एक ने एक वीडियो में कहा:
“हमें कहा जाता है कि यहां कोई अकाल नहीं है — यह झूठ है। हमारे पास उन बच्चों की तस्वीरें हैं जो भूख से मर गए हैं। उधर कुछ इज़रायली मीडिया संस्थानों ने इन प्रदर्शनकारियों पर हमला करते हुए उन पर ‘आतंकवाद का समर्थन’ करने का आरोप लगाया।अलजज़ीरा चैनल ने भी इस प्रदर्शन की कवरेज की।
इन तस्वीरों के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही ग़ाज़ा के हालात पर अरब दुनिया की खामोशी को लेकर भारी आलोचना हुई। कई अरब यूज़र्स ने शर्म और ग़ुस्से के साथ लिखा कि, जब भूखे बच्चों के लिए यहूदी सड़कों पर उतर रहे हैं, तब अरब देशों के हुक्मरान सिर्फ़ निंदा के बयान जारी कर रहे हैं।
सीरिया के एक यूज़र ने लिखा:
“तेल अवीव में… लोग ग़ाज़ा में क़हत के खिलाफ़ सड़कों पर आ गए! सोचो ज़रा, ऐ इंसानों! दुश्मन हमारे बच्चों की भूख पर बोल रहा है… और वो उम्मत जो कभी एक थी, अब खामोश है। अल्लाह की क़सम, ये ज़िल्लत और रुसवाई है… अफ़सोस है हमारी हालत पर और उस मुक़ाम पर जहां हम आ पहुंचे हैं।”

