ग़ाज़ा युद्ध समाप्त करने की माँग को लेकर तेल अवीव में ज़बरदस्त प्रदर्शन
इज़रायली मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, हज़ारों ज़ायोनियों ने तेल अवीव के केंद्र में प्रदर्शन करते हुए ग़ाज़ा में युद्ध समाप्त करने और एक व्यापक क़ैदी अदला-बदली समझौते पर हस्ताक्षर की माँग की। फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी के अंतरराष्ट्रीय अनुभाग के अनुसार, इब्रानी भाषा के समाचार पत्र यदीओत अहरोनोत ने बताया कि, ये प्रदर्शनकारी इज़रायल के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय के सामने इकट्ठा हुए और वहाँ से अमरीकी दूतावास की ओर मार्च किया।
इस प्रदर्शन में ग़ाज़ा में बंदी बनाए गए इज़रायली बंधकों के परिजन भी शामिल हुए। उन्होंने युद्ध को समाप्त करने और बंदियों की वापसी की माँग वाले पोस्टर हाथों में ले रखे थे। इन बंदियों के परिवारों ने नेतन्याहू सरकार पर युद्ध-विराम और क़ैदी अदला-बदली के समझौते में जानबूझकर देरी और रुकावट डालने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि अब एक समग्र समझौते का समय आ गया है ताकि सभी बंदियों की वापसी सुनिश्चित हो सके।
इन परिजनों ने यह भी स्पष्ट किया कि, सरकार ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि सैन्य दबाव से बंदी वापस आ सकेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उल्टा कुछ बंदी युद्ध में मारे गए। उन्होंने अमरीकी सरकार से अपील की कि, उनके बच्चों का समय समाप्त होता जा रहा है और नेतन्याहू इस मुद्दे को राजनीतिक सौदेबाज़ी का औज़ार बना रहा है। उनका कहना था कि ट्रम्प को यह बात अच्छी तरह मालूम है कि पिछली बार की बातचीत को खुद नेतन्याहू ने विफल किया था और अब इसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार, इज़रायली सरकार, युद्ध-विराम वार्ता में इस बात पर ज़ोर दे रही है कि, ग़ाज़ा के कुछ हिस्सों — विशेष रूप से उत्तर और मुराग मार्ग — में उसकी सैन्य उपस्थिति बनी रहे, और मानवीय सहायता अमरीकी कंपनियों के ज़रिए भेजी जाए। यह शर्तें ही युद्ध-विराम/बंदी अदला-बदली वार्ता को असफल बना रही हैं।
इसके विपरीत, फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध गुटों ने बार-बार कहा है कि यदि इज़रायली सेना ग़ाज़ा पट्टी से पूरी तरह पीछे हटे, सहायता केवल संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों के ज़रिए भेजी जाए, युद्ध को आधिकारिक रूप से समाप्त किया जाए और फ़िलिस्तीनी बंदियों को रिहा किया जाए — तो वे सभी इज़रायली बंदियों को एक साथ रिहा करने के लिए तैयार हैं।

