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ग़ाज़ा में राहत सामग्री की प्रतीक्षा कर रहे लोगों का नरसंहार, पूरी दुनियां में निंदा

ग़ाज़ा में राहत सामग्री की प्रतीक्षा कर रहे लोगों का नरसंहार, पूरी दुनियां में निंदा

ग़ाज़ा पट्टी में सहायता मांग रहे भूखे फिलिस्तीनियों को बेरहमी से निशाना बनाने के लिए तेल अवीव  के खिलाफ दुनिया भर में गुस्सा फैल गया है, जिसमें 112 लोग मारे गए और 700 से अधिक अन्य घायल हो गए। फ्रांस जैसे उसके सहयोगी देश ने भी इस क्रूरता पर चीख उयहा है, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने स्वतंत्र जांच की जरूरत पर जोर दिया है।

भूखे लोगों पर फायरिंग
याद रहे कि इज़रायल ने गुरुवार को मानवता की सारी हदें पार करते हुए उत्तरी ग़ाज़ा पट्टी में भूख से मर रहे और भोजन लेने के लिए सहायता ट्रकों के आसपास कतार में खड़े लोगों पर हमला कर दिया था। इस हमले में 112 लोगों के शहीद होने और 700 से ज्यादा के घायल होने की पुष्टि अल जजीरा ने की है।

बता दें कि उत्तरी गाजा, जहां यह दुखद हमला किया गया, वह इलाका है जहां इज़रायल मदद नहीं पहुंचने दे रहा है। इस वजह से यहां भूख की गंभीर स्थिति है। ऐसे में जब कुछ सहायता ट्रक पहुंचते हैं तो जरूरतमंद लोगों की भीड़ सहायता पाने के लिए उमड़ पड़ती है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गुरुवार को जब सैकड़ों लोग सहायता लेने के लिए एकत्र हुए थे, तभी इज़रायली बलों ने गोलीबारी शुरू कर दी।

संयुक्त राष्ट्र आग बगूला
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इज़रायली सेना की गोलीबारी की निंदा करते हुए इसे असहनीय कृत्य बताया है। उन्होंने कहा कि इसकी जितनी निंदा की जाये उतनी कम है। महासचिव ने ग़ाज़ा में सहायता कर्मियों पर इज़रायली बलों द्वारा मारे गए 100 से अधिक लोगों की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग की।

फ़्रांस और स्पेन ने युद्ध-विराम का आह्वान किया
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने भी इज़रायली आक्रामकता की निंदा की है और ग़ाज़ा में युद्धविराम का आह्वान किया है, जबकि स्पेन ने बेदाग और भूखे फिलिस्तीनियों पर इज़रायली गोलीबारी की निंदा की है और इसे अनुचित बताया है। यूरोपीय विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने घटना की निंदा की और कहा कि सहायता की प्रतीक्षा कर रहे फिलिस्तीनियों का नरसंहार अस्वीकार्य है। फ्रांस ने भी इस मामले में इज़रायल से जवाब मांगा है।

अमेरिका ने निंदा से परहेज किया
इज़रायल के अंध समर्थन की नीति पर चलते हुए अमेरिका ने गुरुवार को उक्त मानवीय कार्रवाई की निंदा करने से परहेज किया है। वॉशिंगटन ने इस संबंध में जारी एक बयान में कहा है कि वह हमले को लेकर दो परस्पर विरोधी दावों की जांच कर रहा है। बता दें कि जिस तरह इज़रायल ने अस्पताल पर हमले के बाद झूठ का सहारा लिया, उसी तरह गुरुवार के नरसंहार के बाद उसने यह भी दावा किया है कि वह हमले में शामिल नहीं था। संयुक्त राज्य अमेरिका उन देशों में सबसे आगे है जो इज़रायल के दावे को परोक्ष रूप से मान्यता देते हैं।

हमास की इज़रायल को धमकी
इज़रायल की इस क्रूरता से उसे कूटनीतिक मोर्चे पर भी नुकसान पहुंचने की आशंका है। इस बीच युद्ध-विराम प्रयासों को भी झटका लग सकता है। हमास ने इज़रायल के साथ चल रही बातचीत ख़त्म करने की धमकी दी है। आशा थी कि अगले सोमवार तक युद्ध विराम हो सकता है।

कोलंबिया ने समझौता छोड़ दिया
इस बीच, कोलंबिया ने गाजा में सहायता की प्रतीक्षा कर रहे फिलिस्तीनियों पर इजरायली सेना की गोलीबारी को नरसंहार बताते हुए ज़ायोनी राज्य से हथियार खरीदना बंद कर दिया है। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने विरोध स्वरूप इज़रायल से हथियारों की खरीद को निलंबित करने की घोषणा के साथ सहायता आपूर्ति के लिए एकत्र हुए फिलिस्तीनियों पर गोली चलाने के लिए इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को जिम्मेदार बताया।

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