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ग़ाज़ा युद्ध-विराम के बाद वेस्ट बैंक में इज़रायल द्वारा फ़िलिस्तीनियों का क़त्ल-ए-आम

ग़ाज़ा युद्ध-विराम के बाद वेस्ट बैंक में इज़रायल द्वारा फ़िलिस्तीनियों का क़त्ल-ए-आम

ग़ाज़ा में अस्थायी युद्ध-विराम के बावजूद, इज़रायल ने पश्चिमी तट पर अपनी सैन्य कार्रवाई को और तेज़ कर दिया है। अरब मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इज़रायली सेना ने बीते 24 घंटों के दौरान अपने ऑपरेशन में 16 साल के एक किशोर सहित पांच फ़िलिस्तीनियों को शहीद कर दिया। इज़रायली बलों के ये हमले पश्चिमी तट के विभिन्न हिस्सों में हुए, जहां फ़िलिस्तीनी नागरिकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।

इज़रायली जेलों से रिहा हुए फ़िलिस्तीनी क़ैदी ज़ख़्मी और बीमार
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को इज़रायली जेलों से रिहा किए गए अधिकांश फ़िलिस्तीनी क़ैदी बेहद कमज़ोर हालत में थे। इनमें से कई इज़रायली सुरक्षा बलों के अत्याचार और यातना की वजह से गंभीर रूप से घायल थे। कुछ क़ैदियों के शरीर पर यातना के निशान साफ़ दिखाई दे रहे थे, जिससे यह ज़ाहिर होता है कि जेल में उनके साथ किस हद तक ज़ुल्म हुआ।

कैदियों की रिहाई और ग़ाज़ा युद्धविराम समझौता
ग़ाज़ा में संघर्षविराम समझौते के तहत शनिवार को चौथे चरण में 183 फ़िलिस्तीनी क़ैदियों को रिहा किया गया। बदले में तीन इज़रायली नागरिकों को रिहाई मिली। इन क़ैदियों का ग़ाज़ा और वेस्ट बैंक में ज़ोरदार स्वागत हुआ, जहां उनके परिजनों और स्थानीय नागरिकों ने फूल और नारों के साथ उनका अभिनंदन किया।

रफ़ाह क्रॉसिंग नौ महीने बाद खुली, बीमार फ़िलिस्तीनी पहुंचे मिस्र
इसके अलावा, ग़ाज़ा से मिस्र जाने वाली रफ़ाह क्रॉसिंग को नौ महीने बाद खोला गया, जिससे बीमार और ज़रूरतमंद फ़िलिस्तीनियों का पहला काफ़िला मिस्र पहुंचा। यह काफ़िला उन लोगों का था, जिन्हें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता थी, लेकिन इज़रायली नाकेबंदी की वजह से उन्हें इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही थी।

इज़रायल की दमनकारी नीति जारी
विशेषज्ञों का मानना है कि ग़ाज़ा में युद्ध-विराम लागू होने के बावजूद इज़रायल पश्चिमी तट पर हिंसा को बढ़ा रहा है, ताकि वहाँ के फ़िलिस्तीनियों को दबाया जा सके। फ़िलिस्तीनी अधिकारियों और मानवाधिकार संगठनों ने इज़रायली सेना की इस नीति की कड़ी निंदा की है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस पर हस्तक्षेप करने की माँग की है।

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