लेबनान ने अमेरिकी प्रस्ताव पर जवाब देने के लिए तीन दिन का समय मांगा

लेबनान ने अमेरिकी प्रस्ताव पर जवाब देने के लिए तीन दिन का समय मांगा

इज़रायली सेना ने, सीमा पर फायरिंग और ग़ाज़ा का समर्थन करने वाले मोर्चे के खुलने के एक साल बाद, सितंबर के अंत से लेबनान पर हवाई हमलों की तीव्रता बढ़ा दी है और लेबनान की भूमि पर ज़मीनी ऑपरेशन शुरू कर दिए हैं। अलबत्ता इस हमले में केवल आम नागरिक मारे जा रहे हैं, जबकि हिज़्बुल्लाह पहले से भी अधिक मज़बूती के साथ इज़रायल सेना के ख़िलाफ़ डटा हुआ है।

फ्रांस की समाचार एजेंसी ने आज एक लेबनानी अधिकारी के हवाले से लिखा, जिसने अपनी पहचान गुप्त रखने की इच्छा जताई। खबर के अनुसार, अमेरिका की राजदूत लीज़ा जॉनसन ने लेबनान के अस्थायी प्रधानमंत्री नजीब मीकाती और संसद अध्यक्ष नबील बेरी के साथ मुलाकात की और “13-सूत्रीय अमेरिकी प्रस्ताव” पेश किया।

अधिकारी ने बताया कि अभी तक इज़रायल ने इस प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उन्होंने दावा किया कि नबील बेरी ने इस प्रस्ताव के बिंदुओं की समीक्षा करने और इसका जवाब देने के लिए तीन दिन का समय मांगा है।

अधिकारी ने प्रस्ताव के ब्योरे का खुलासा नहीं किया, लेकिन कहा कि यदि युद्ध-विराम पर सहमति बनती है, तो अमेरिका और फ्रांस इसे एक बयान में घोषित करेंगे। इस स्थिति में, 60 दिनों का युद्ध-विराम शुरू होगा और लेबनान अपनी सेना को सीमाओं पर तैनात करेगा।

हालांकि, नबील बेरी ने शुक्रवार को अल-शरक अल-अवसत समाचार पत्र से बातचीत में, अमेरिका द्वारा लेबनान में युद्ध-विराम के लिए दिए गए प्रस्ताव को स्वीकार करने की पुष्टि की, लेकिन इसमें इज़रायली सेना को लेबनान में किसी भी स्वतंत्र कार्रवाई की अनुमति देने की बात को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “अमेरिका और अन्य जानते हैं कि यह बात अस्वीकार्य है और चर्चा के लायक भी नहीं है।”

बेरी ने यह भी खारिज कर दिया कि इस प्रस्ताव में लेबनान में नाटो या किसी अन्य विदेशी सेना को तैनात करने की बात कही गई है। उन्होंने यह खुलासा किया कि अमेरिका ने इस प्रस्ताव में यह सुझाव दिया है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 1701 के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए पश्चिमी देशों की भागीदारी के साथ एक निगरानी समिति बनाई जाए। लेकिन यह प्रस्ताव लेबनान के लिए स्वीकार्य नहीं है।

इस बारे में बेरी ने कहा, “वर्तमान में एक वैकल्पिक प्रणाली पर चर्चा जारी है, लेकिन हम इस रास्ते पर नहीं चलेंगे, क्योंकि एक स्पष्ट प्रणाली पहले से मौजूद है, जिसे सक्रिय करने में कोई बाधा नहीं है।” बेरी ने स्पष्ट किया कि उनकी बात का मतलब 2006 के युद्ध के बाद लेबनान में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक (यूनिफिल) की उपस्थिति है।

उन्होंने कहा, “वार्ता जारी है, माहौल सकारात्मक है, लेकिन अंतिम परिणाम महत्वपूर्ण है।” लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर 2023 से इज़रायली सेना और हिज़बुल्लाह के बीच गोलीबारी शुरू होने के बाद से लेबनान में शहीदों की संख्या बढ़कर 3,440 हो गई है।

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