लेबनानी सेना ने दक्षिणी सीमा के कई शहरों को अपने नियंत्रण में लिया
लेबनान की सेना ने बुधवार की सुबह दक्षिणी लेबनान में, ज़ायोनी शासन (इज़रायल) द्वारा कब्ज़े किए गए क्षेत्रों से पीछे हटने के बाद, कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रीय शहरों और कस्बों में प्रवेश किया। इस घटनाक्रम को क्षेत्रीय तनाव और सीमा पर सैन्य गतिरोध के संदर्भ में देखा जा रहा है।
सैन्य प्रगति
लेबनानी सेना ने सीमा के नजदीकी इलाकों में अपने ऑपरेशन को बढ़ाते हुए मिस अल-जबल और अल-बयाद क्षेत्रों में अपने नियंत्रण को मजबूत किया। इन क्षेत्रों की सीमाओं को लेकर संघर्ष कई महीनों से जारी है, और इस क्षेत्र में इज़रायल की सेना का कब्ज़ा था।
सड़कें खोलने का कार्य
लेबनानी सेना ने इस प्रक्रिया के तहत अपने इंजीनियरिंग दलों को तैनात किया, जिन्होंने पहले के रास्तों को फिर से खोलने का कार्य शुरू किया। इससे यह भी संकेत मिलता है कि सैन्य रणनीति के तहत इज़रायल द्वारा खड़ी की गई दीवारों और अन्य अवरोधों को अब ध्वस्त किया जा रहा है।
कस्बों में प्रवेश
अल-मयादीन और अल-मनार जैसे प्रमुख मीडिया चैनलों के अनुसार, लेबनानी सेना “मुहैबिब” और “ब्लीदा” कस्बों में भी प्रवेश कर चुकी है। ये इलाक़े पहले इज़रायल की सेना के नियंत्रण में थे। हालांकि, कफ़रकला कस्बे में स्थिति ज्यादा गंभीर बनी हुई है, जहां इज़रायल की सेना घरों को उड़ाने का सिलसिला जारी रखे हुए है।
इज़रायल का दमनात्मक रवैया
रिपोर्ट्स के अनुसार, इज़रायली सेना ने इन कस्बों में इमारतों को नष्ट करने का काम जारी रखा है। इस प्रकार की कार्रवाई आमतौर पर नागरिकों को परेशान करने और किसी भी तरह के प्रतिरोध को कमजोर करने के लिए की जाती है।
रणनीतिक महत्व
इस घटनाक्रम को लेकर कई विश्लेषक इसे क्षेत्रीय भू-राजनीतिक घटनाओं में एक महत्वपूर्ण मोड़ मानते हैं। अगर लेबनान की सेना इस तरह के ऑपरेशनों को बढ़ाती है, तो यह इज़रायल और लेबनान के बीच तनाव को और भी गहरा कर सकता है। साथ ही, यह स्थिति किसी भी बड़े सैन्य संघर्ष का रूप ले सकती है, जो क्षेत्रीय शांति के लिए खतरे का कारण बन सकता है।
इस घटनाक्रम से यह भी संकेत मिलता है कि लेबनान अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने के लिए और अधिक मजबूत कदम उठा सकता है, खासकर यदि सीमा पर इज़रायल की सैन्य गतिविधियाँ और बढ़ती हैं।