करज़ई की अपील, तालिबान के साथ सहयोग करे अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने तालिबान को “भाई” बताया और कहा कि उन्होंने देश के नए शासकों के साथ उपयोगी बैठकें कीं और देश के सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा की।
करज़ई ने बीबीसी को बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को उनका संदेश तालिबान सरकार के साथ आकर काम करने का था। करज़ई ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि वह अफ़ग़ानों को अपने देश के पुनर्निर्माण में मदद करे और हर तरफ से हुए घाव को ठीक किया जाए। करज़ई ने जोर देकर कहा कि वह अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी हवाई हमले का कड़ा विरोध करते हैं।
अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि मैं चाहता हूं कि जो भी अफ़ग़ान देश छोड़ कर चले गए हैं वे लौटकर देश का निर्माण करें, आपका यह देश एकजुट होना चाहिए। हम इस देश के नागरिक हैं, हमें देश नहीं छोड़ना चाहिए, हमें यहीं रह कर इसका निर्माण करना चाहिए । करज़ई का कहना है कि देश में मौजूदा मुद्दों पर तालिबान के साथ उनके अच्छे आदान-प्रदान हुए हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या तालिबान ने आपको अपने “भाई” के रूप में नहीं देखता, करज़ई ने कहा कि मुझे पता है। मैं तालिबान को अपने भाइयों के रूप में और अन्य अफ़ग़ानों को अपने भाइयों के रूप में देखता हूं। हम एक राष्ट्र के लोग हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि लड़कियां न केवल स्कूल जाएं, बल्कि विश्वविद्यालय और काम पर भी जाएं। हमने इन मामलों के बारे में तालिबान से बात की है।
अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे पास लड़कियों के लिए एक अच्छा संदेश है। बाहर जाकर पढ़ाई करो। आप बहादुर लड़कियां हैं और हम सभी जानते हैं कि आप बहादुर हैं। उन्होंने कहा कि तालिबान के नाम पर सभी अफगान मारे गए और विदेशियों ने अफ़ग़ानिस्तान पर बमबारी की। हमारे गाँव नष्ट हो गए, बच्चे मारे गए, परिवार विस्थापित हुए और सभी पक्षों को नुकसान पहुँचाया गया, और अंत में, अफ़ग़ानों को नुकसान पहुँचाया गया है।
अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रीय सुलह परिषद के अध्यक्ष हामिद करज़ई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला, अफ़ग़ानिस्तान के दो सबसे महत्वपूर्ण नेता थे, जो तालिबान द्वारा अफ़ग़ानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद भी देश के अंदर बने रहे।