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दुश्मन को कभी भी कमज़ोर समझना सबसे बड़ी भूल होगी: ईरानी सेना प्रमुख

दुश्मन को कभी भी कमज़ोर समझना सबसे बड़ी भूल होगी: ईरानी सेना प्रमुख

ईरान की सेना के प्रमुख कमांडर अमीर हातमी ने कहा कि, हम कभी भी दुश्मन की धमकियों को ख़त्म होने वाली या गैर-प्रभावी नहीं मानते। उन्होंने कहा कि इज़रायली दुश्मन ने इस ग़लतफ़हमी में कि, वह इस्लामी शासन को नुक़सान पहुँचा सकता है, कई साज़िशें रचीं, लेकिन जब उसने ईरानी क़ौम की चमत्कारिक स्थिरता और मज़बूती को देखा, तो उसे अपनी रणनीतिक भूल का अहसास हुआ।

रविवार को थलसेना के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, इस 12 दिन के थोपे गए युद्ध में, इज़रायल की क्रूरता और ज़ुल्म को ईरानी जनता ने प्रत्यक्ष देखा। पिछले दो सालों और इस कम उम्र के ज़ालिम शासन के पूरे इतिहास में हमने इसकी बर्बरता का बार-बार अनुभव किया है। हातमी ने कहा कि भले ही इस टकराव में हमने अपने बहादुर कमांडरों, वैज्ञानिकों और आम नागरिकों को खोया हो, लेकिन ख़ुदा के करम और लोगों की प्रतिरोधक शक्ति के दम पर हम इस असमान लड़ाई में विजयी हुए और दुश्मन को उसके मक़सद में कामयाब नहीं होने दिया।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ईरान की मिसाइल और ड्रोन ताक़त आज भी पूरी तरह तैयार है और दुश्मन पर आख़िरी हमले तक जारी रही थी। ईरान अपने रक्षा उद्योग और विज्ञान-तकनीक के हर क्षेत्र में पहले से ज़्यादा संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। ईरानी कमांडर ने कहा कि अमरीका और पश्चिमी ताक़तों की ईरान से दुश्मनी की असली वजह हमारा धार्मिक, राष्ट्रीय चरित्र और ज्ञान की ऊँचाइयों की ओर हमारा बढ़ना है। आज हमारी चारों सेनाएं तेज़ी से ताक़तवर बन रही हैं और हर मोर्चे पर पूरी तैयारी में हैं।

सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई की बात को मान कर चलना चाहिए
हातमी ने सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई की बात को दोहराते हुए कहा, “हमें एक प्रतिशत खतरे को भी सौ प्रतिशत मान कर चलना चाहिए।” इसलिए किसी भी हालत में दुश्मन को कमज़ोर नहीं आंकना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुश्मन की सभी साज़िशों का मुँहतोड़ जवाब ईरानी अवाम ने अपने जबरदस्त एकजुटता और हिम्मत से दिया। ‘जुमेअतुल-ग़ज़ब’ और शहीदों के शानदार जनाज़े, इस बात की मिसाल हैं कि ईरानी क़ौम अपने लीडर की क़ियादत में कितनी मज़बूती से खड़ी है।

हातमी ने ईरानी थलसेना की ऐतिहासिक भूमिका का ज़िक्र करते हुए कहा कि ये फोर्स हर संकट, युद्ध और प्राकृतिक आपदा में जनता के साथ खड़ी रही है और हमेशा लीडरशिप और क़ौम की सराहना हासिल की है। उन्होंने कहा कि हमारे सीमा रक्षक, जैसे शहीद कमांडर जनरल अली हुसैन मोहम्मदी, की शहादत हमें याद दिलाती है कि हम दिन-रात अपने देश की सीमाओं की रक्षा में लगे हुए हैं। अंत में, उन्होंने वादा किया कि जल्द ही पब्लिक को थलसेना, वायुसेना, नौसेना और एयर डिफेंस की 12 दिन की बहादुरी और शानदार कार्रवाई के बारे में भी बताया जाएगा।

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