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यह स्वीकार नहीं कि, ग़ाज़ा पट्टी पर कोई विदेशी ताक़त हुकूमत करे: हमास

यह स्वीकार नहीं कि, ग़ाज़ा पट्टी पर कोई विदेशी ताक़त हुकूमत करे: हमास

हमास के वरिष्ठ नेता ओसामा हमदान ने अल-अरबी टीवी को दिये गए साक्षात्कार में स्पष्ट शब्दों में कहा है कि, ग़ाज़ा पट्टी का कोई भी प्रबंधन या प्रशासन विदेशी ताक़तों के हाथ में देने को वे क़तई स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि, ग़ाज़ा में किसी भी प्रकार के बाहरी प्रशासन या विदेशी सैनिकों की मौजूदगी नामंज़ूर है और इस कार्य के लिए केवल एक स्वतंत्र और राष्ट्रीय फ़िलिस्तीनी समिति की स्थापना ही वैध मार्ग होगा।

हमदान ने यह भी कहा कि, फ़िलिस्तीनियों के बीच ग़ाज़ा के प्रशासन को लेकर एक राष्ट्रीय समझौता मौजूद है, और यही समझौता प्रबंधन ही स्थापित होना चाहिए। उनके मुताबिक़, किसी भी गैर-फ़िलिस्तीनी संस्था या देश को ग़ाज़ा का संचालन सौंपना, फ़िलिस्तीनी संप्रभुता के सिद्धांत के विपरीत होगा और इससे क्षेत्रीय संवेदनशीलता और संघर्ष की जड़ें और मजबूत होंगी।

इंटरव्यू के दौरान उन्होंने पुष्टि की कि, हमास क़ैदियों के आदान-प्रदान पर बातचीत के लिये तैयार है और इसे शीघ्रता से हल करने का पक्षधर है। हमदान का कहना था कि क़ैदियों के अदला-बदली के लिए 72 घंटे से अधिक समय चाहिए नहीं होना चाहिए और यह मामला आपसी समझ के ज़रिये सुलझाया जा सकता है।

उसी सन्दर्भ में उन्होंने यह भी कहा कि, जब फ़िलिस्तीनी सरकार स्थापित हो जाएगी तो उसके हाथों में ही रक्षा के औज़ार होंगे ताकि, वह जनता की रक्षा कर सके। हमदान ने स्पष्ट किया कि, फ़िलिस्तीनी जनता का स्वाभाविक रुख प्रतिरोध है और कोई भी ताक़त इस प्रतिरोध की भावना को समाप्त नहीं कर सकती।

अंत में उन्होंने माना कि, ग़ाज़ा की बहाली और प्रबंधन से जुड़े कई तकनीकी और राजनीतिक बिंदु हैं जिन पर वार्ता और विस्तृत मंथन आवश्यक है। उन्होंने संकेत दिया कि हमास इस प्रक्रिया में शामिल होकर विस्तृत चर्चा और समझौते के लिए तैयार है, किन्तु किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को बुनियादी तौर पर अस्वीकार किया जाएगा। हमदान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा कि, ग़ाज़ा के पुनर्निर्माण में फ़िलिस्तीनी स्वामित्व का सम्मान होना चाहिए और चुनौतियों को चरणबद्ध योजना से सुलझाया जा सकता है। हमास कह चुका है कि, संवाद जारी रहेगा और समाधान खोजे जाएंगे।

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