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ईरान के हमलों के बाद, यह सुबह बेहद दुखद और कठिन है: इज़रायली राष्ट्रपति

ईरान के हमलों के बाद, यह सुबह बेहद दुखद और कठिन है: इज़रायली राष्ट्रपति

ईरान द्वारा बीती रात इज़रायल पर किए गए बड़े पैमाने के मिसाइल हमले के बाद, इज़रायली राष्ट्रपति इसहाक़ हर्ज़ोग ने अपनी भावनाएं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा कीं। उन्होंने एक घंटे पहले किए गए पोस्ट में ईरान के जवाबी हमलों का ज़िक्र करते हुए, जिनमें तामरा और बेत-याम जैसे कई इलाके निशाना बने, इसे “एक दर्दनाक त्रासदी” बताया और लिखा: “ईरान के हमलों के बाद यह सुबह बेहद दुखद और कठिन है।”

हालांकि उन्होंने इज़रायली हमले का कोई ज़िक्र नहीं किया, जिसमें ईरान के रिहायशी इलाकों पर बमबारी की गई थी और कई ईरानी महिलाएं और बच्चे अपने घरों में सोते वक्त शहीद हो गए थे। हर्ज़ोग ने सिर्फ इतना कहा कि वे “इज़रायली बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के दुख में सहभागी हैं।” इसहाक़ हर्ज़ोग ने ईरान के जवाबी हमलों को “दुखद सुबह” कहा, हालांकि शुरूआत, ख़ुद इज़रायल ने ईरान पर हमला करके की है।

उन्होंने ग़ाज़ा में महीनों से जारी इज़रायली बमबारी, जिसमें हज़ारों फ़िलिस्तीनी बच्चे, महिलाएं और आम नागरिक मारे गए, उस पर कभी अफ़सोस नहीं जताया। यह दोहरा मापदंड साफ़ दिखाता है कि, उनके लिए केवल इज़रायली जानों की कीमत है, जबकि ग़ाज़ा की त्रासदी उनके लिए कोई दर्द नहीं रखती। यह चयनात्मक संवेदना सिर्फ़ इज़रायल की हिंसक नीतियों को छुपाने का प्रयास है। असली त्रासदी वह है जिसे दुनिया देख रही है, जहाँ मज़लूमों के आँसू तक राजनीतिक चुप्पी में डूब जाते हैं।

इस बीच, ईरानी सैन्य बल, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के प्रवक्ता ने “ओप्रशन सादिक़ 3” नामक एक संयुक्त मिसाइल और ड्रोन हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि यदि इज़रायल की आक्रामकता जारी रही, तो ईरान के हमले और भी ज्यादा विनाशकारी और व्यापक होंगे। प्रवक्ता के अनुसार, यह हमला “वैध आत्म-रक्षा” का हिस्सा था

उन्होंने कहा कि ईरान किसी भी इज़रायली दुस्साहस को बिना जवाब के नहीं छोड़ेगा। यह उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत, आत्मरक्षा एक स्वीकृत अधिकार है और जब एक देश की सार्वभौमिकता और नागरिक जीवन सीधे निशाने पर हो, तो चुप्पी अपराध के बराबर मानी जाती है।

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