इज़राइल का आयरन डोम अब ‘छलनी’ बन चुका है: डग्लस मैकग्रेगर
अमेरिकी सेना के सेवानिवृत्त कर्नल डग्लस मैकग्रेगर का ताज़ा बयान इज़राइल की मौजूदा हालत को लेकर वैश्विक स्तर पर चर्चा का कारण बन गया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इज़राइल इस वक्त सैन्य और रणनीतिक रूप से बेहद कमजोर दौर से गुजर रहा है, और यदि हालात नहीं बदले, तो इसका असर उसकी दीर्घकालिक सुरक्षा पर पड़ सकता है।
मैकग्रेगर के मुताबिक, तेल अवीव का एक-तिहाई हिस्सा भारी बमबारी की चपेट में आ चुका है, और कई हिस्सों में बुनियादी ढांचा पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। उन्होंने बताया कि इज़राइल सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अपने कई युद्धक विमान देश से बाहर भेज दिए हैं, ताकि वे ईरान के मिसाइल हमलों से बचाए जा सकें। इन विमानों को कथित तौर पर साइप्रस जैसे मित्र देशों में अस्थायी रूप से रखा गया है।
सबसे बड़ी चिंता की बात, मैकग्रेगर ने इज़राइली डिफेंस सिस्टम की कमजोरी को बताया। उन्होंने साफ कहा, “आयरन डोम’ अब छलनी बन चुका है।” यानी अब यह मिसाइल रक्षा प्रणाली पहले जैसी कारगर नहीं रही। ईरानी मिसाइलों की तेज़ी, सटीकता और संख्या इतनी अधिक हो गई है कि आयरन डोम उन्हें रोकने में सक्षम नहीं है। इसका मतलब है कि ज़्यादातर मिसाइलें अब सीधे अपने लक्ष्यों पर गिर रही हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह स्थिति बनी रही तो इज़राइल की सैन्य क्षमता और रणनीतिक ढांचा स्थायी रूप से प्रभावित हो सकता है। इससे न केवल उसकी लड़ाकू शक्ति कमज़ोर होगी, बल्कि भविष्य में आत्मरक्षा की उसकी क्षमता पर भी गंभीर असर पड़ेगा।
इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया और रक्षा विश्लेषकों के बीच हलचल मचा दी है, क्योंकि यह दर्शाता है कि ईरान के जवाबी हमले अब केवल प्रतीकात्मक नहीं बल्कि रणनीतिक रूप से सफल और गहरे असर वाले हो चुके हैं। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या इज़राइल अपनी सुरक्षा नीति में कोई बड़ा बदलाव लाएगा या फिर यह संकट और गहराता जाएगा।

