ग़ाज़ा में प्रतिरोध की आग में जले इज़रायली सैनिक
इज़रायली सेना ने स्वीकार किया है कि दक्षिणी ग़ाज़ा पट्टी में कल (मंगलवार) को हुई झड़पों में उसका एक अधिकारी और छह सैनिक मारे गए। इज़रायली मीडिया ने इस घटना को पिछले कुछ महीनों में सेना के लिए सबसे कठिन क्षणों में से एक बताया है। फिलिस्तीनी प्रतिरोध ने कल घोषणा की थी कि, ख़ान यूनुस में घंटों चली मुठभेड़ में बड़ी संख्या में इज़रायली सैनिक मारे गए और घायल हुए। आज इज़रायली सेना ने इसकी पुष्टि की।
इज़रायली सेना के रेडियो ने बताया कि इन सैनिकों की पहचान में कई घंटे लगे, क्योंकि, उनका बख़्तरबंद वाहन पूरी तरह जल चुका था। दमकलकर्मी उस समय आग बुझाने में विफल रहे, और यह काम तब पूरा हो सका जब जलता हुआ वाहन क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में वापस लाया गया। इज़रायल के रक्षामंत्री ने इस घटना को “दर्दनाक क्षति” बताया और कहा कि ये सैनिक इज़रायल की रक्षा और बंधकों की वापसी के प्रयास में मारे गए।
इसी से जुड़ी एक रिपोर्ट में हिब्रू चैनल ‘कान’ ने बताया कि इज़रायली बटालियन 188 जब ख़ान यूनुस में अभियान चला रही थी, तभी एक फ़िलिस्तीनी लड़ाके ने उस बख़्तरबंद वाहन के पास जाकर एक बम चिपका दिया, जिसमें सात सैनिक और एक अधिकारी मौजूद थे। बम के फटने से वाहन में भीषण आग लग गई।
आग के कारण राहत दल अंदर फंसे सैनिकों तक नहीं पहुंच पाए। मजबूरी में सेना ने एक D9 बुलडोज़र बुलाकर उस जलते वाहन को रेत से ढक दिया और उसे कब्ज़े वाले क्षेत्र में खींचकर ले गए, जहां दमकल टीम ने आग बुझाई। वाहन में मौजूद 605वीं बटालियन के सभी सैनिक मारे गए, कोई भी ज़िंदा नहीं बचा।
वहीं, उसी इलाके में एक अन्य घटना में एक बुलडोज़र पर गोलीबारी के कारण कई सैनिक घायल हुए, जिनमें एक की हालत गंभीर है।

