इज़रायली निवासियों का विवादित कट्टरपंथी मंत्री बिन गवीर पर हमला
इज़रायल के विवादित आंतरिक सुरक्षा मंत्री इतामार बिन गवीर को शनिवार को कब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन के केंद्र में उस समय शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा, जब यहूदी बस्तियों के निवासी हाथों में क़ैदियों की तस्वीरें उठाए उनके पीछे-पीछे कफ़ार मलाल मंदिर तक पहुँच गए और वहाँ उनके ख़िलाफ़ नारेबाज़ी करने लगे।
अख़बार यिसराएल हयूम की रिपोर्ट के मुताबिक़, प्रदर्शनकारियों ने बिन गवीर को “अपराधी” और “आतंकवादी” कहते हुए सीधे चुनौती दी। उन्होंने क़ैदियों की तस्वीरें उनके चेहरे के सामने लहराईं और नारे लगाए: “इन चेहरों को देखो! तुमने सौदा बर्बाद कर दिया, तुम एक ऐतिहासिक ग़लती हो। सुरक्षा बलों और बॉर्डर पुलिस को तुरंत दख़ल देकर बिन गवीर को प्रदर्शनकारियों से बचाना पड़ा। लेकिन इस विरोध ने साफ़ कर दिया कि इज़रायल के भीतर ही बिन गवीर की कट्टरपंथी नीतियों और बयानों के ख़िलाफ़ ग़ुस्सा गहराता जा रहा है।
विश्लेषकों का कना है कि यह नाराज़गी केवल बिन गवीर तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी कैबिनेट तक फैली हुई है। आलोचकों के अनुसार, ये नेता राजनीतिक स्वार्थों की खातिर क़ैदी अदला-बदली की वार्ता को अटकाते हैं और क़ैदियों की ज़िंदगियों को ख़तरे में डालते हैं।
बिन गवीर और वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोट्रिच पहले ही धमकी दे चुके हैं कि अगर क़ैदी अदला-बदली लागू हुई तो वे कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे देंगे। इस धमकी ने विरोधियों के ग़ुस्से को और भड़का दिया है, क्योंकि लोगों का मानना है कि यह सीधे-सीधे क़ैदियों की जान से खिलवाड़ है। इस घटना ने इज़रायल की राजनीति में यह सवाल और पैदा कर दिया है कि, क्या नेतन्याहू की सरकार क़ैदियों को बचाने में गंभीर है या फिर कट्टर मंत्रियों की जिद के आगे झुककर उन्हें कुर्बान कर देगी।

