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इज़रायली हुकूमत नस्लकुश, इसके ज़िम्मेदार नेतन्याहू हैं: एर्दोगान

इज़रायली हुकूमत नस्लकुश, इसके ज़िम्मेदार नेतन्याहू हैं: एर्दोगान

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने कहा है कि, इज़रायल ग़ाज़ा में “पूरी तरह की नस्लकुशी” (जेनोसाइड) कर रहा है, और नेतन्याहू इसके लिए पूरी तरह ज़िम्मेदार हैं। उन्होंने इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को सीधे इन हत्याओं का ज़िम्मेदार ठहराया।

राष्ट्रपति एर्दोगान ने सोमवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर फ़ॉक्स न्यूज़ से बातचीत में कहा कि, नेतन्याहू ने बदकिस्मती से इस नस्लकुशी में हज़ारों लोगों की जान ली है। उन्होंने बताया कि ग़ाज़ा में 1 लाख 20 हज़ार से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं और तुर्की ने कई घायलों को इलाज के लिए अपने देश भेजा है। एर्दोगान ने कहा कि “हम इस नस्लकुशी की पूरी तरह मुख़ालिफ़त करते हैं।”

फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध समूह हमास और उसके बंधकों के बारे में पूछे जाने पर एर्दोगान ने यह दावा ख़ारिज किया कि, इसकी पूरी ज़िम्मेदारी सिर्फ़ हमास पर है। उन्होंने कहा, “यह कोई एकतरफ़ा जुर्म नहीं है। मेरे ख्याल में हमास को दोष देना ग़लत होगा।”

एर्दोगान ने इज़रायल पर आम नागरिकों पर अंधाधुंध हमले करने का आरोप लगाया और कहा कि हथियारों की बात करें तो हमास की तुलना इज़रायल से नहीं की जा सकती। “इज़रायल 7 साल से लेकर 70 साल तक के लोगों,  बच्चों, महिलाओं और बुज़ुर्गों को बेरहमी से अपनी ताक़त का निशाना बना रहा है।”

संघर्ष के ख़त्म होने की संभावना पर एर्दोगान ने शक जताते हुए कहा, “आपको याद होगा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि, मैं रूस-यूक्रेन जंग ख़त्म कर दूंगा। क्या वह जंग ख़त्म हुई? नहीं, अब भी जारी है। इसी तरह ग़ाज़ा में भी जंग ख़त्म करने की बातें की गईं लेकिन वहाँ भी हालात अलग नहीं हैं।”

हमास आतंकवादी संगठन नहीं, प्रतिरोधी समूह है
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह हमास को एक आतंकवादी संगठन मानते हैं तो उन्होंने इस विचार को सिरे से नकारते हुए कहा, “मैं हमास को आतंकवादी संगठन नहीं मानता। इसके उलट, मैं उसे एक प्रतिरोधी समूह मानता हूँ। वे अपनी रक्षा करने के लिए जो भी साधन चाहते हैं, इस्तेमाल कर रहे हैं।”

दूसरी ओर, राष्ट्रपति एर्दोगान ने न्यूयॉर्क में तुर्की हाउस में कुवैत के क्राउन प्रिंस शेख़ सबाह ख़ालिद अल-सबाह से मुलाक़ात की। इस दौरान उन्होंने इज़रायल के ख़िलाफ़ मुस्लिम दुनिया की एकजुटता को सराहा। संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौक़े पर हुई इस मुलाक़ात में दोनों देशों के रिश्तों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। एर्दोआन ने ग़ाज़ा में युद्ध-विराम हासिल करने के लिए बातचीत जारी रखने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

तुर्की राष्ट्रपति ने तुर्की और कुवैत के बीच रिश्तों को मज़बूत करने की अहमियत पर ज़ोर देते हुए कहा कि दोनों मुल्क सहयोग को और बढ़ाने के लिए काम करते रहेंगे।सीरिया के बारे में राष्ट्रपति एर्दोगान ने देश की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखते हुए पुनर्निर्माण और विकास पर ध्यान देने की अहमियत बताई और सीरिया के लिए अंकारा के समर्थन को दोहराया।

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