इज़रायली रडार प्रणाली हिज़बुल्लाह के ड्रोन को रोकने में नाकाम
इज़रायली रेडियो और टेलीविज़न संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, इज़रायली सेना ने हाल ही में लेबनान की सीमा के साथ कई चौकियों पर सैनिकों को तैनात किया है ताकि हिज़बुल्लाह के ड्रोन की निगरानी की जा सके और किसी भी प्रकार की गतिविधि का तुरंत चेतावनी देकर जवाबी कार्रवाई की जा सके। इज़रायली सेना को इस समय बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि रडार प्रणाली इन छोटे ड्रोन को सटीक रूप से पकड़ पाने में असमर्थ साबित हो रही है। ड्रोन की तेज़ और चुपचाप उड़ने की क्षमता ने इज़रायल की वायु सेना के लिए एक नई चुनौती पैदा कर दी है, जिससे उन्हें इन ड्रोन की प्रभावी तरीके से पहचान और ट्रैकिंग करना मुश्किल हो रहा है।
हाल ही में, एक बड़ी घटना तब हुई जब पांच ड्रोन लेबनान से इज़रायल के कब्जे वाले इलाकों में दाखिल हुए। इज़रायली सेना को इन ड्रोन को पकड़ने और ट्रैक करने में एक घंटे से अधिक समय लगा, लेकिन इनमें से दो ड्रोन अक्का और खदीरा में जाकर विस्फोट कर गए। इन विस्फोटों के कारण इज़रायल में भय और आतंक का माहौल बन गया, और आम नागरिकों में सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो गई।
इस बीच, इज़रायली अखबार ‘मआरीव’ ने बताया है कि इज़रायल के पास अभी ड्रोन का मुकाबला करने के लिए कोई विशेष ट्रैकिंग प्रणाली नहीं है। इसका मतलब है कि लेबनान, गाजा, सीरिया, इराक, ईरान और यमन से संभावित रूप से लॉन्च किए गए ड्रोन के हमलों का सामना करने के लिए इज़रायल की तैयारी अपर्याप्त है। इन देशों से इज़रायल पर ड्रोन हमलों का ख़तरा बढ़ता जा रहा है, और इसकी प्रतिक्रिया में इज़रायल को अभी नई तकनीकों की आवश्यकता है ताकि वह अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर सके।
इज़रायल के विशेषज्ञ इस बात पर भी चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि यदि इज़रायल जल्द ही ड्रोन की निगरानी और ट्रैकिंग के लिए एक प्रभावी प्रणाली नहीं अपनाता है, तो यह उसकी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। हिज़बुल्लाह के ड्रोन के इस बढ़ते ख़तरे के मद्देनज़र, इज़रायली सेना अब अपने रक्षा उपकरणों और सैन्य नीति में तेजी से बदलाव कर रही है ताकि वह भविष्य के हमलों से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सके।