इज़रायली दरिंदे का मास्को एयरपोर्ट पर ईरानी बच्चे पर वहशतनाक हमला
दुनिया एक बार फिर इज़रायली नागरिकों के अंदर भरे नस्लीय ज़हर और क्रूरता की गवाही दे रही है। रूस के मास्को एयरपोर्ट पर कैमरों में दर्ज एक दिल दहला देने वाली घटना में व्लादिमीर वितकोव नामक एक यात्री, जिसे इज़रायली-बेलारूसी नागरिक बताया गया है, ने एक ईरानी नन्हे मासूम को इतनी बेरहमी से ज़मीन पर पटक दिया कि वह गंभीर हालत में कोमा में चला गया।
वीडियो नीचे दिए गए लिंक पर देखा जा सकता है, लेकिन कमज़ोर दिल वाले इस वीडियो को न देखें।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस मासूम बच्चे की खोपड़ी बुरी तरह टूट चुकी है और रीढ़ की हड्डी को भी गहरी चोट पहुंची है। डॉक्टर उसकी जान बचाने की कोशिश में लगे हैं, लेकिन हालत बेहद नाज़ुक है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि हमलावर पर ‘हत्या की कोशिश’ का मामला दर्ज किया गया है, और रूसी जांच एजेंसियां यह पता लगा रही हैं कि क्या यह हमला नस्लीय और इस्लामोफोबिक नफरत पर आधारित था।
यह घटना केवल एक व्यक्ति की मानसिक विकृति नहीं, बल्कि उस विचारधारा का प्रतिबिंब है जो इज़रायली समाज में गहराई तक फैली हुई है, जहां गैर-यहूदी, को हेय समझा जाता है। इज़रायली शासन की नीतियों की तरह ही वहां के बहुत से नागरिकों में भी वही अहंकारी सोच पाई जाती है, जो उन्हें दूसरों की जान की कीमत को नगण्य बना देती है।
मासूमों पर ज़ुल्म का यह सिलसिला, जो हम ग़ाज़ा और फिलिस्तीन में रोज़ देख रहे हैं, अब अंतरराष्ट्रीय स्थलों तक पहुँच गया है। सवाल यह नहीं कि यह हमला कहां हुआ — सवाल यह है कि एक ज़हर भरी मानसिकता की जड़ें अब दुनिया के हर कोने में फैलती जा रही हैं। क्या दुनिया अब भी चुप रहेगी?
इस तरह की घटना ने मानवता को झकझोर कर रख दिया है। आपको याद दिलाना चाहता हूं कि, इसी तरह की एक घटना सऊदी अरब में भी हो चुकी है, जहां एक कार ड्राइवर ने एक मासूम बच्चे की गर्दन पर चाक़ू से वार कर दिया था। उस मासूम बच्चे की ग़लती सिर्फ इतनी थी कि, वह शिया समुदाय से था। इस तरह की घटना अंजाम देने वालों के साथ ऐसी कार्यवाई की जाए जो दूसरों के एक सबक़ बन जाए।

