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ग़ाज़ा में इजरायली सैन्य कार्रवाइयों से युद्ध-विराम की वार्ताएं शून्य पर आ सकती हैं: इस्माईल हानिया

ग़ाज़ा में इजरायली सैन्य कार्रवाइयों से युद्ध-विराम की वार्ताएं शून्य पर आ सकती हैं: इस्माईल हानिया

इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन ‘हमास’ के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख इस्माईल हानिया ने चेतावनी दी है कि ग़ाज़ा में इजरायली सैन्य कार्रवाइयों से युद्ध-विराम की वार्ताएं फिर से शून्य स्तर पर आ सकती हैं। उन्होंने मध्यस्थ देशों मिस्र और कतर के नेतृत्व से फोन पर युद्ध-विराम के लिए की जा रही कोशिशों और ग़ाज़ा में इजरायली युद्ध अपराधों पर बात की। उन्होंने कहा कि हमास ने युद्ध-विराम समझौते के लिए हरसंभव लचीलापन दिखाया लेकिन यहूदी दुश्मन राज्य और उसके प्रमुख नेतन्याहू अपनी हठधर्मिता और फिलिस्तीनियों के जनसंहार की अपराध नीति पर कायम हैं।

रफाह में मानवीय त्रासदी एक खतरनाक रूप ले सकती है
हमास ने टेलीग्राम पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि हानिया ने मध्यस्थ देशों के नेतृत्व के साथ फोन पर बात की जिसमें उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनकी सेना को वार्ताओं के संभावित अंत के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया। बयान में कहा गया है कि ग़ाज़ा, विशेष रूप से रफाह में मानवीय त्रासदी एक खतरनाक रूप ले सकती है।

नेतन्याहू, युद्ध-विराम वार्ताओं में बाधाएं डाल रहे हैं
हमास ने आगे कहा कि नेतन्याहू ग़ाज़ा में युद्ध के अंत के लिए एक समझौते तक पहुंचने के लिए हो रही वार्ताओं के बीच युद्ध-विराम वार्ताओं में बाधाएं डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमास एक ओर लचीलापन दिखा रहा है लेकिन दूसरी ओर यहूदी दुश्मन फिलिस्तीनियों की जनसंहार, जबरन स्थानांतरण, उनके नरसंहार और उनकी अपमानजनक नीति पर अमल कर रहा है। दुश्मन ने हमास के युद्ध-विराम के लिए दिखाए गए हर लचीलेपन का नकारात्मक जवाब दिया।

बयान में कहा गया है कि हमास ने मध्यस्थ देशों से नेतन्याहू की चालों और अपराधों को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। इस्माईल हानिया ने कहा कि यहूदी कब्जेदार सेना ने गाजा शहर के आसपास के क्षेत्रों के खिलाफ अपनी आक्रामकता बढ़ाते हुए दसियों हजार नागरिकों को निशाना बनाया और उन्हें बर्बर बमबारी के बोझ तले अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया। यह ग़ाज़ा में हमारे फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ 9 महीने से अधिक समय से जारी विनाशकारी युद्ध का सिलसिला है। फासीवादी अतिक्रमणकारी सरकार सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों और समझौतों का उल्लंघन कर रही है।

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