इज़रायली सेना ने ग़ाज़ा में एक फ़िलिस्तीनी नागरिक को ढाल बनाया
इज़रायली सेना की गोलानी ब्रिगेड के दो सिपाहियों ने ग़ाज़ा में एक फिलिस्तीनी नागरिक को इंसानी ढाल के तौर पर इस्तेमाल किया और उसके साथ अपनी यूनिट के झंडे और एक मारे गए इज़रायली सैनिक की तस्वीर के पास खड़े होकर यादगारी फोटो खिंचवाई।
Fars News Agency की अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार, ‘Genocide Tracker’ नाम के एक एक्स (Twitter) अकाउंट ने एक नई तस्वीर जारी की है, जिसमें देखा जा सकता है कि गोलानी ब्रिगेड के दो सैनिक एक फिलिस्तीनी को इंसानी ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। उस फिलिस्तीनी की आंखों और चेहरे को ढका गया है, उसके हाथ बंधे हैं और वह एक अनजान जगह के घर में ज़मीन पर बैठा हुआ है। पीछे खड़े दोनों इज़रायली सैनिक गोलानी ब्रिगेड का झंडा पकड़े हैं, जिस पर उनकी यूनिट का एक मारा गया सैनिक नज़र आ रहा है।
‘Genocide Tracker’ ने लिखा कि ये सैनिक अपने मारे गए साथी की मौत का बदला लेने की धमकी भी दे रहे हैं।
इस फिलिस्तीनी व्यक्ति का आगे क्या हुआ, इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन इससे पहले कई रिपोर्टों में सामने आ चुका है कि, इज़रायली सेना ग़ाज़ा के आम नागरिकों को बार-बार इंसानी ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर चुकी है। कुछ रिपोर्टों में यह भी सामने आया है कि कई लोगों को कुछ ही दूरी पर आज़ाद करने के बाद गोली मार दी जाती है – सिर्फ़ अभ्यास या मनोरंजन के लिए।
इससे पहले Haaretz अखबार ने एक सीनियर अफसर के हवाले से खुलासा किया था कि इज़रायली सेना हर दिन कम से कम छह बार फिलिस्तीनियों को इंसानी ढाल बनाती है। इन घटनाओं की जानकारी फील्ड कमांडरों को भी होती है, लेकिन वे न तो रोकते हैं और न ही सज़ा देते हैं – यानी यह सब जानबूझकर और मंजूरी के साथ होता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग हर सैन्य यूनिट के पास एक इंसानी ढाल होता है और जब तक वह पहले किसी घर को जांच न ले, तब तक कोई सैनिक उस घर में दाखिल नहीं होता। उसी अफसर ने बताया कि ड्रोन या रोबोट से जांच में ज़्यादा वक़्त लगता है, इसलिए इज़रायली सैनिक फिलिस्तीनियों को आगे कर अपनी जान की हिफ़ाज़त करते हैं।
उसने यह भी माना कि फिलिस्तीनियों का इंसानी ढाल के रूप में इस्तेमाल अब एक रूटीन बन गया है, जिसका सुरक्षा से कोई संबंध नहीं है, कई बार उन्हें घरों को जलाने या उड़ाने में भी मजबूर किया जाता है। ‘ऐमन अबू हमदान’ नाम के एक फिलिस्तीनी नागरिक ने, जो महीनों तक ग़ाज़ा में इंसानी ढाल की तरह इस्तेमाल किया गया, मई महीने में Associated Press को बताया: “उन्होंने मुझे मारा और कहा कि तेरे पास और कोई चारा नहीं है। ये कर वरना तुझे मार देंगे।”
उसने बताया कि, इज़रायली सैनिक उसके पीछे खड़े रहते और जब वह किसी जगह को साफ़ बताता, तो वे अंदर जाकर उसे ध्वस्त कर देते। वह रातें बंधे हाथ-पैरों के साथ अंधेरे कमरे में गुज़ारता और सुबह फिर ज़बरदस्ती उसे दुबारा उसी काम में लगा दिया जाता।

