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ग़ाज़ा में इज़रायली बमबारी और घेराबंदी “आधुनिक युग का सबसे बर्बर जनसंहार: अंसारुल्लाह

ग़ाज़ा में इज़रायली बमबारी और घेराबंदी “आधुनिक युग का सबसे बर्बर जनसंहार: अंसारुल्लाह

यमन के प्रभावशाली संगठन अंसारुल्लाह (हूती आंदोलन) के प्रमुख सैयद अब्दुल मलिक बदरुद्दीन अल हूती ने अपने हालिया भाषण में इज़रायल और अमेरिका को सीधे तौर पर निशाने पर लेते हुए कहा कि इन दोनों ताक़तों ने सिर्फ ग़ाज़ा या फिलिस्तीन को ही नहीं, बल्कि पूरी इस्लामी उम्मत को अपने निशाने पर लिया हुआ है।

 ग़ाज़ा में इरादतन नरसंहार
अल-हूती ने ग़ाज़ा में जारी इज़रायली बमबारी और घेराबंदी को “आधुनिक युग का सबसे बर्बर जनसंहार” करार दिया और कहा कि:

“रोज़ भूख से तड़पते बच्चों की लाशें, मलबों में दबे हुए परिवार, और खून से लथपथ अस्पताल, ये सब इज़रायल की योजनाबद्ध क्रूरता का हिस्सा हैं। ये कोई सैन्य संघर्ष नहीं, बल्कि एक पूरे क़ौम को मिटाने की कोशिश है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इज़रायल अब युद्ध नहीं लड़ रहा, बल्कि भूख को हथियार बनाकर बच्चों और औरतों को निशाना बना रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक “चयनित रणनीति” है ताकि लोगों की हिम्मत तोड़ी जा सके।

मुस्लिम सरकारों पर तीखा हमला
अपने बयान में उन्होंने अरब और इस्लामी देशों की चुप्पी और निष्क्रियता पर भी गहरी नाराज़गी ज़ाहिर की। उन्होंने कहा:
जब उम्मत की बेटियाँ ग़ाज़ा में भूख से तड़प रही हैं, जब माएं अपने बच्चों को रोते हुए दफ़्न कर रही रही हैं, उस वक़्त अरब हुकूमतें सिर्फ बैठकर बयानबाज़ी कर रही हैं। ये हमारे लिए एक ‘सामूहिक शर्म’ है।”

यमनी अवाम का मज़बूत संदेश
सैयद अल-हूती ने यह भी कहा कि, यमन की जनता, जो ख़ुद सालों से सऊदी अरब और पश्चिमी देशों के हमलों और नाकाबंदी का शिकार है, फिर भी पूरी ताक़त और इरादे के साथ ग़ाज़ा के साथ खड़ी है।

उन्होंने कहा:
हम पर चाहे बम गिरें, भूख लगे या धमकियाँ मिलें — यमन ग़ाज़ा का साथ नहीं छोड़ेगा। हम हर जंगी मैदान में, हर आवाज़ में, हर क़लम और हर बंदूक से ग़ाज़ा के हक़ में बोलते रहेंगे।”

उम्मत-ए-मुस्लिम के नाम संदेश
अंत में, उन्होंने पूरी इस्लामी उम्मत को चेतावनी देते हुए कहा कि:“अगर आज हम ग़ाज़ा के लिए खड़े नहीं हुए, तो कल यही आग हमारे दरवाज़ों तक आ जाएगी। अमेरिका और इज़रायल की ये जंग सिर्फ फिलिस्तीन तक सीमित नहीं है — ये इस्लामी पहचान, आज़ादी और भविष्य के खिलाफ़ एक साम्राज्यवादी साज़िश है।”

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