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ग़ाज़ा में इज़रायली हमलों में तेज़ी, कई इलाक़ों में नए पलायन का आदेश

ग़ाज़ा में इज़रायली हमलों में तेज़ी, कई इलाक़ों में नए पलायन का आदेश

इज़रायली सेना ने ग़ाज़ा पर हमलों की रफ़्तार एक बार फिर तेज़ कर दी है। बीते कुछ घंटों के दौरान जहां हवाई बमबारी का एक नया सिलसिला शुरू हुआ है, वहीं कई इलाक़ों के लिए नागरिकों को खाली करने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। ग़ाज़ा के सबरा इलाक़े में एक रिहायशी मकान को निशाना बनाया गया, जिसमें कम से कम 37 फ़िलिस्तीनी शहीद हो गए। सिविल डिफेंस के मुताबिक़, मलबे के नीचे अब भी 85 से अधिक लोग दबे हुए हैं और आशंका है कि वे सभी जान की बाज़ी हार चुके हैं।

जबालिया में नागरिकों को बनाया गया निशाना
जबालिया में इज़रायली लड़ाकू विमानों ने आम नागरिकों के एक समूह पर हमला किया, जिसमें कम से कम 7 फ़िलिस्तीनी शहीद और कई घायल हो गए।

दक्षिणी ग़ाज़ा भी खूनख़राबा
दक्षिणी ग़ाज़ा में भी एक घर और मोटरसाइकिल को निशाना बनाया गया, जिसमें 21 लोगों की मौत हो गई। सिर्फ़ शनिवार की सुबह से अब तक कुल 95 फ़िलिस्तीनी जान गवां चुके हैं। ग़ाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 18 मार्च से अब तक इज़रायली बमबारी में 4,497 फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं।

नई जगहों के लिए पलायन के आदेश
इज़रायली सेना ने उत्तर-पश्चिमी ग़ाज़ा की कई आबादियों को तत्काल खाली करने का आदेश दिया है। यह अब रोज़मर्रा का हिस्सा बन चुका है कि सेना लोगों को उनके घरों से जबरन बाहर निकाल रही है। इससे न केवल उनकी ज़िंदगी दुश्वार हो गई है बल्कि उनके लिए सुरक्षित ठिकानों की संख्या भी लगातार घटती जा रही है।

महिलाओं और बच्चों की हालत भयावह
संयुक्त राष्ट्र के बाल संगठन ‘यूनिसेफ’ के मुताबिक़, ग़ाज़ा में महिलाओं और बच्चों के लिए यह समय इतिहास का सबसे ख़तरनाक दौर बन गया है। लगातार हवाई हमले, बार-बार का विस्थापन, खाद्य संकट और भुखमरी ने उनकी ज़िंदगी को असहनीय बना दिया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि उत्तर ग़ाज़ा के सभी अस्पताल बंद हो चुके हैं और ख़ान यूनुस के नासिर व अल-अमल अस्पताल भी बंद होने की कगार पर हैं, जो घायल और बीमारों के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। संगठन ने तत्काल चिकित्सा सामग्री और दवाइयों की आपूर्ति तथा अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की माँग की है।

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