सीरिया पर इज़रायली हमला, नेतन्याहू का पागलपन: वाइट हाउस
व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस हफ्ते सीरिया (शाम) पर इज़रायली हवाई हमलों की श्रृंखला के बाद इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की “हरकतों” को लेकर गहरी चिंता जताई है। व्हाइट हाउस के सूत्रों ने नेतन्याहू के रवैये को “बेकाबू” और “पागलपन” क़रार दिया है। सूत्रों के मुताबिक, नेतन्याहू की यह कार्रवाई राष्ट्रपति ट्रंप की क्षेत्रीय स्थिरता कायम करने की कोशिशों को कमजोर कर सकती है।
हालांकि विशेषज्ञों ने व्हाइट हाउस की चिंता को केवल औपचारिकता बताया है। विशेषज्ञों के अनुसार इज़रायल को हथियारों की सप्लाई अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा ही की जा रही है। इसके आलावा ट्रंप प्रशासन पिछले एक महीने से ग़ाज़ा में सीज़फ़ायर का नाटक कर रहा है, जबकि वहां इज़रायली हमलों और कुपोषण के कारण मानवीय स्थिति काफ़ी भयानक हो चुकी है। वहां के बच्चे और नागरिक, भुखमरी के कारण दम तोड़ रहे हैं, और यह संख्या हर रोज़ दुगनी होती जा रही है।
मंगलवार को तनाव तब और बढ़ गया जब इज़रायल ने सीरियाई सेना के उन टैंकों के काफिले पर बमबारी की, जो स्वैदा शहर की ओर बढ़ रहे थे ताकि द्रूज़ मिलिशिया और हथियारबंद बद्दू क़बीलों के बीच हो रही झड़पों को रोका जा सके। सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फ़ॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, शनिवार तक इन झड़पों में 700 से अधिक लोग मारे जा चुके थे।
इज़रायल ने दावा किया कि वह काफिला दक्षिणी सीरिया के एक गैर-फ़ौजी ज़ोन में घुस गया था और सीरियाई सेना द्रूज़ अल्पसंख्यक पर हमलों में शामिल थी। हालांकि, दमिश्क़ ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। अमेरिकी दूत थॉमस ब्राक ने इज़रायली अधिकारियों से कूटनीतिक हल निकालने के लिए संयम बरतने की अपील की थी, और शुरुआत में इज़रायल ने ऐसा करने का वादा भी किया था, लेकिन बाद में उसने हमलों की तीव्रता बढ़ा दी। रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को इज़रायली बम सीरियाई सेना के मुख्यालय और राष्ट्रपति भवन के पास भी गिराए गए।
ट्रंप और उनके अधिकारियों का गुस्सा
इन हमलों ने राष्ट्रपति ट्रंप और व्हाइट हाउस को चौंका दिया। एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, ट्रंप किसी ऐसे देश में बम गिरते देखना पसंद नहीं करते जहां वह शांति की कोशिश कर रहे हों। उन्होंने सीरिया की पुनर्निर्माण प्रक्रिया में मदद के लिए एक अहम घोषणा भी की थी। मामला इतना बिगड़ गया कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो को बुधवार को नेतन्याहू और उनकी टीम से कहना पड़ा कि वे रुक जाएं।
व्हाइट हाउस के कई सूत्रों, जिनमें छह अमेरिकी अधिकारी शामिल थे, ने Axios वेबसाइट को बताया कि अमेरिका की मध्यस्थता में सीरिया में हुई संघर्ष-विराम के बावजूद नेतन्याहू की क्षेत्रीय नीतियों को लेकर अमेरिका की चिंता लगातार बढ़ रही है। एक अधिकारी ने नेतन्याहू के व्यवहार को “हर चीज़ पर बम गिरा देने वाला” बताया। दूसरे ने कहा, “ऐसा लगता है कि हर दिन कुछ नया हो रहा है… ये क्या नर्क है?” एक तीसरे अमेरिकी अधिकारी ने नेतन्याहू के प्रति प्रशासन के भीतर बढ़ते संदेह को लेकर कहा कि उनका “फिंगर ट्रिगर पर होना बहुत परेशान करने वाला” है। उन्होंने नेतन्याहू की तुलना “ऐसे बच्चे” से की जो ठीक से बर्ताव नहीं करता।
व्हाइट हाउस को तुर्की जैसे देशों से इज़रायल की कार्रवाईयों को लेकर गुस्से भरे संदेश मिले हैं। कई वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों, जिनमें ब्राक और व्हाइट हाउस के दूत स्टीव विटकॉफ (जो ट्रंप के करीबी माने जाते हैं) शामिल हैं, ने सीधे ट्रंप से नेतन्याहू की शिकायत की है। व्हाइट हाउस के अधिकारियों का मानना है कि नेतन्याहू ने इज़रायल में द्रूज़ समुदाय के आंतरिक दबाव और अन्य राजनीतिक कारणों के चलते यह हमले किए।
एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, “बीबी (नेतन्याहू) का राजनीतिक एजेंडा उनके फैसलों पर हावी है। यह उनके लिए दीर्घकालिक रूप से एक बहुत बड़ी गलती साबित होगी।” एक और अधिकारी ने इज़रायली रवैये का मज़ाक उड़ाते हुए कहा, “पिछले हफ्ते व्हाइट हाउस में इज़रायलियों ने अपनी जो साख गवाई है, उससे उन्हें अब कोई फर्क नहीं पड़ता।”

