ईरान पर इज़रायली हमला, अंतरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन है: इराक़
मेहर न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इराक़ के प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर जारी एक बयान में, इराक़ सरकार ने इज़रायली शासन द्वारा इस्लामी गणराज्य ईरान की सरज़मीन पर किए गए हमलों की कड़ी निंदा की है। इराक़ ने इसे अंतरराष्ट्रीय क़ानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल सिद्धांतों का स्पष्ट उल्लंघन और वैश्विक शांति व सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा बताया, ख़ासकर ऐसे समय में जब ईरान और अमेरिका के बीच वार्ताएं चल रही हैं।
इराक़ सरकार के प्रवक्ता बासिम अल-अवादी ने कहा: “अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस खुले उल्लंघन को केवल देखना नहीं चाहिए, क्योंकि ज़बरदस्ती और ताक़त के ज़रिये वास्तविकता थोपना आधुनिक अंतरराष्ट्रीय संबंधों की बुनियाद को नष्ट करता है। सिर्फ़ निंदा करने वाले बयान अब काफ़ी नहीं हैं, ठोस और रोकथाम करने वाले क़दम उठाने की ज़रूरत है।”
इराक़ सरकार ने सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की और ऐसे ठोस और निर्णायक उपायों पर ज़ोर दिया जिससे इस प्रकार के हमलों को रोका जा सके, इसकी पुनरावृत्ति न हो और अंतरराष्ट्रीय क़ानून की प्रतिष्ठा बहाल की जा सके।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि “अगर यह साबित हो जाए कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय ढांचे इस ज़िम्मेदारी को निभाने में सक्षम नहीं हैं, तो विश्व समुदाय को न्याय और शांति की बहाली के लिए वैकल्पिक प्रणाली के निर्माण की दिशा में गंभीर संवाद शुरू करना होगा।”
इराक़ सरकार ने ज़ोर देते हुए कहा कि वह संप्रभुता, शक्ति के प्रयोग से परहेज़ और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध है और ईरानी जनता तथा उन सभी राष्ट्रों के साथ एकजुटता व्यक्त करता है जो एक न्यायपूर्ण अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था चाहते हैं — ऐसी व्यवस्था जो नियमों के सम्मान पर आधारित हो, न कि उनके उल्लंघन पर।

