इज़रायली सेना द्वारा लेबनान में ज़मीनी सैन्य कार्रवाई
फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी और इज़रायली मीडिया स्रोतों के मुताबिक, बुधवार को इज़रायली सेना ने पहली बार स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि उसने लेबनान की सीमा के भीतर “सीमित ज़मीनी सैन्य कार्रवाई” को अंजाम दिया है। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब नवंबर 2024 से लेबनान और इज़रायल के बीच एक अंतरराष्ट्रीय युद्ध-विराम लागू है, जिसे संयुक्त राष्ट्र और अन्य मध्यस्थों की निगरानी में स्थापित किया गया था।
इज़रायली सेना के मुताबिक, यह अभियान विशेष कमांडो यूनिट्स द्वारा लेबनान के जबल अल-बलात और लबूना इलाकों में किया गया, जिसका उद्देश्य हिज़्बुल्लाह के सैन्य ढांचे को ध्वस्त करना और उसके लड़ाकों को दोबारा संगठित होने से रोकना था। 300वीं और 9वीं ब्रिगेड के जवानों ने कथित रूप से रॉकेट लॉन्चिंग पॉइंट्स और हथियारों के गोदामों को नष्ट किया।
अख़बार यदीओत आहारोनोत ने लिखा कि इस अभियान में एक भूमिगत इमारत को भी निशाना बनाया गया, जिसे हिज़्बुल्लाह हथियारों के भंडारण के लिए इस्तेमाल करता था। हालांकि इज़रायली सेना ने इस ऑपरेशन की शुरुआत की सटीक तारीख और समय के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
इज़रायली चैनल 12 ने भी इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि ज़मीनी कार्रवाई मंगलवार शाम को शुरू की गई थी। हालांकि इसे “सीमित” करार दिया गया है, लेकिन विशेषज्ञ इसे आने वाले समय में एक बड़े सैन्य टकराव की भूमिका के रूप में देख रहे हैं।
यहां यह बात ध्यान देने योग्य है कि 27 नवंबर 2024 को लागू हुए युद्ध-विराम के तहत इज़रायल को 60 दिनों के भीतर लेबनान की ज़मीन से पूरी तरह हट जाना था। लेकिन आज तक वह दक्षिण लेबनान के कई इलाकों पर क़ब्ज़ा बनाए हुए है। इसके अलावा, इज़रायली ड्रोन और स्नाइपर्स द्वारा हिज़्बुल्लाह लड़ाकों के साथ-साथ आम नागरिकों की टारगेट किलिंग की घटनाएं भी लगातार सामने आ रही हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि यह ज़मीनी अभियान युद्धविराम की शर्तों का खुला उल्लंघन है और इसका मकसद हिज़्बुल्लाह को उकसाकर एक नई जंग की शुरुआत करना हो सकता है — जिसकी आंच पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले सकती है।

