निसंदेह इस्राईल अपने इतिहास के सबसे अभूतपूर्व संकट से जूझ रहा है। एक ओर जहाँ उसे प्रतिरोधी दलों और फिलिस्तीन मुक्ति संघर्ष का सामना है वहीँ आंतरिक संकट से जूझ रहे इस देश के लिए आंतरिक सिक्योरिटी एजेंसी शाबाक के पूर्व प्रमुख युआल देसकीन के बयान ने गहरी चिंता में दाल दिया है।
युआल ने देश में जारी आंतरिक संकट की ओर संकेत करते हुए कहा कि शायद ही हमारी आने वाली पीढ़ी इस्राईल नाम के देश को देख सके।
पूर्व सुरक्षाधिकारी युआल ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की जो हालत हो गई है निकट भविष्य में देश के सिर्फ 30% लोग ही इसे बर्दाश्त कर पाएंगे हम एक समाज के रूप में विनाश के कगार पर पहुँच चुके हैं। युआल ने यदीऊत के लिए लिखे अपने लेख में कहा कि कोरोना ने हमारी स्थिति को और उजागर कर दिया है क्या हम आर्थिक एवं सामाजिक एवं सैन्य जो क्षेत्र में हमारी अस्तित्व की गारंटी है इस लायक बचे हैं कि अपना भविष्य सुनिश्चित कर सकें ? क्या हमारी आर्थिक , सामाजिक एवं सैन्य क्षमता इतनी है जो आने वाली पीढ़ी के लिए , हमारे भविष्य की गारंटी दे सके ?
उन्होंने इस्राईल एक सामने मौजूद खतरों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज अरब इस्राईल में इतना विवाद नहीं है जितना खुद यहूदियों में लेफ्ट और राइट विंग के नाम पर है। जनता को सरकारी सिस्टम पर भरोसा नहीं , देश करप्शन में डूबा है। क्षेत्रीय शक्ति कहलाने वाला इस्राईल अपने बहुत से क्षेत्रों को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं है। बहुत से यहूदी हैं जो इस्राईल में रहना ही नहीं चाहते हैं।