इस्राईल और हिज़्बुल्लाह के बीच आए दिन वाकयुद्ध तो कभी मानसिक युद्ध चलता ही रहता है। दोनों ही पक्ष 2006 में 33 दिवसीय युद्ध लड़ चुके हैं जिस में अपराजेय समझी जाने वाली इस्राईल की सेना को इस सशस्त्र आंदोलन एक सामने अपमान जनक रूप से हार का मुंह देखना पड़ा था तथा वर्षों से चला आ रहा इस्राईल की सेना के अपराजय रहने का मिथक चकनाचूर हो गया था।
वहीँ 2006 के मुक़ाबले अब हिज़्बुल्लाह बेहद शक्तिशाली हो चुका है। एक इस्राईली अधिकारी के ही अनुसार अगर हिज़्बुल्लाह से कोई युद्ध होता है तो इस स्थिति में इस्राईल पर प्रतिदिन कम से कम 2,000 मिसाइल और रॉकेट दाग़े जायेंगे। इस अवस्था को देखते हुए इस्राईली अधिकारियों ने आयरन डोम को अपग्रेड करने का एलान किया है।
इस्राईल के रक्षा मंत्रालय के अनुसार मिसबील डिफेंस सिस्टम आयरन डोम को उन्नत किये जाने से हवाई ख़तरों का मुक़ाबला किया जा सकता है। इस्राईली मिसाइल रक्षा ब्रिगेड के कमांडर मूशे पैटल ने दावा किया कि परीक्षण के दौरान आयरन डोम ने मिसाइलों और ड्रोन विमानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया और निकट भविष्य में आयरन डॉम के उन्नत वर्जन को सेना के हवाले किया जाएगा।
याद रहे कि इस्राईली सेना के कमांडर ओरी गोर्डिन ने भी हिज़्बुल्लाह की मिसाइल क्षमता को स्वीकारते हुए कहा था कि हिज़्बुल्लाह से होने वाले किसी भी संभावित युद्ध में हर दिन इस्राईल को 2,000 मिसाइल का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।