अरब जगत के लिए अछूत नहीं रहा इस्राईल यूएई पहुंचे नफ्ताली बैनेट इस्राईल अब अरब देशों के लिए छूट नहीं रह गया है ।
अरब जगत और इस्राईल के संबंध अपने सुनहरे दौर से गुजर रहे हैं इस्राईल और खाड़ी के देशों के संबंध अब उसी तरह है जैसे जापान-फ्रांस या भारत अमेरिका, जर्मनी-ब्रिटेन या पाकिस्तान और चीन के बीच हैं।
इतिहास में पहला अवसर है जब इस्राईल का कोई प्रधानमंत्री खाड़ी देशों की यात्रा पर निकला है। रविवार को इस्राईल के प्रधानमंत्री नफताली बैनेट ने संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा शुरू की है।
नफताली बैनेट की संयुक्त अरब अमीरात के आधिकारिक यात्रा के साथ ही यह बात भी स्पष्ट हो गई है कि खाड़ी के अरब देशों के लिए इस्राईल अछूत नहीं रहा है। यह दौरा इसलिए भी अहम हो जाता है कि विश्व शक्तियां एक ओर ईरान के साथ परमाणु समझौते को फिर से लागू करने के प्रयास में लगी हुई है दूसरी ओर इस्राईल के प्रधानमंत्री अरब देशों की यात्रा पर निकले हुए हैं।
जून में इस्राईल की बागडोर संभालने वाले नफताली बैनेट के लिए यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है क्योंकि अभी तक मुस्लिम देशों की ओर से बहिष्कृत रहा इस्राईल इस समय अरब देशों की मीडिया की सुर्ख़ियों में बना हुआ है। संयुक्त अरब अमीरात में उनका भव्य स्वागत किया गया और उन्हें लेने के लिए एयरपोर्ट पर विदेश मंत्री उपस्थित रहे तो राजधानी में स्वागत के लिए देश के प्रधानमंत्री मौजूद थे ।
सोमवार को संयुक्त अरब अमीरात के क्रॉउन प्रिंस और नफताली बैनेट की मुलाकात होगी। 2015 में ईरान और वैश्विक शक्तियों के बीच हुए समझौते का कट्टर विरोधी रहे इस्राईल के प्रधानमंत्री की यात्रा बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस्राईल के दबाव पर ही 2018 में डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ परमाणु समझौते को खारिज कर दिया था ।
ट्रंप कार्यकाल में ही इस्राईल और अरब देशों के बीच अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। अब्राहम समझौते के बाद किसी इस्राईली प्रधानमंत्री की यह पहली अरब यात्रा है ।
याद रहे कि संयुक्त अरब अमीरात, बहरैन, सूडान और मोरक्को जैसे देश इस्राईल के साथ समझौता कर उसे मान्यता दे चुके हैं। यूएई पहुंचने पर अपने जोरदार स्वागत पर प्रतिक्रिया देते हुए बैनेट ने कहा कि क्या शानदार स्वागत है। मैं यहां अपने लोगों की ओर से एक इस्राईली नेता की अधिकारिक यात्रा पर आकर बहुत उत्साहित हूं। हम आपसी संबंधों के मजबूत होने की उम्मीद कर रहे हैं। इस्राईल ने खाड़ी के देशों के साथ संयुक्त रक्षा स्थापित करने की बात कही और ईरान को साझा खतरा बताया।
संयुक्त अरब अमीरात के रूप में अपने नए सार्वजनिक सहयोगी के साथ इस्राईल ने आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाते हुए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। एक ओर संयुक्त अरब अमीरात इस्राईल के साथ अपने संबंधों को बढ़ा रहा है वहीँ वह ईरान के साथ भी अपने संबंधों को खराब करना नहीं चाहता है। पिछले सप्ताह ही उसने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को ईरान रवाना किया था।
खाड़ी के अरब देश फिलिस्तीन की अनदेखी करते हुए इस्राईल के साथ अपने संबंधों को बढ़ाने में लगे हुए हैं।अरब देशों को फिलिस्तीन की आपत्ति से अब कोई फर्क भी नहीं पड़ रहा है। वहीँ इस्राईल के खिलाफ बड़ी-बड़ी बातें करने वाला पाकिस्तान भी नफ्ताली बैनेट के संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर मूकदर्शक बना हुआ है।
विश्लेषकों की मानें तो पाकिस्तान इस दौरे पर चुप ही रहेगा वह नहीं चाहता कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से उसके संबंध खराब हो। कहा तो यह भी जा रहा है कि पाकिस्तान भी अंदर खाने इस्राईल से संबंध स्थापित करने को लेकर तैयार है ।
पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया था कि इमरान खान के दो खास पत्रकार साथियों ने इस्राईल की गुप्त यात्रा की थी पाकिस्तान में मचे राजनैतिक घमासान के बाद इमरान सरकार ने चुप्पी साध ली थी। अनुमान लगाया जा रहा था कि दोनों देशों के बीच पर्दे के पीछे बातचीत चल रही है।


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