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इज़रायल ने हिज़्बुल्लाह को निशस्त्र करने का तीन-स्टेज़ी प्लान पेश किया

इज़रायल ने हिज़्बुल्लाह को निशस्त्र करने का तीन-स्टेज़ी प्लान पेश किया

तेल अवीव के सबसे अहम सुरक्षा थिंक-टैंक INSS (इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज़) ने एक नई रिपोर्ट में लेबनान की राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति को बदलने और हिज़्बुल्लाह को धीरे-धीरे कमजोर करने के लिए तीन-स्टेप की रणनीति बताई है।

रिपोर्ट की लेखिका ओरना मिजराही ने लिखा है कि इज़रायल को सीरिया की कमजोरी और हिज़्बुल्लाह के साथ हुए हालिया युद्ध के “नतीजों” को अपने हक़ में बदलना चाहिए। इस प्लान का मकसद है — हिज़्बुल्लाह पर लगातार दबाव डालना, पश्चिम समर्थक लेबनानी धड़ों को मजबूत करना और साथ ही इज़रायल-लेबनान रिश्तों में नया मोड़ लाना। रिपोर्ट कहती है कि यह योजना अमेरिका की पिछली कोशिशों से ज़्यादा “हकीकत-परक और लचीली” है और धीरे-धीरे लेबनान की पूरी तस्वीर बदल सकती है।

तीन चरणों की योजना
पहला चरण: इज़रायल पाँच विवादित सीमा क्षेत्रों से हटेगा, लेकिन बदले में दक्षिण लेबनान को निशस्त्र करना होगा। इस पर नज़र रखने की ज़िम्मेदारी संयुक्त राष्ट्र की बजाय अमेरिका को दी जाएगी।

दूसरा चरण: हिज़्बुल्लाह का पूरा असर बेका घाटी और सीरिया-लेबनान सीमा से ख़त्म किया जाएगा। बदले में सीमा विवादों का हल और शायद लेबनान-सिरिया की सीमा रेखा तय होगी।

अंतिम चरण: पूरे लेबनान में हिज़्बुल्लाह को निशस्त्र करना होगा। इसके बदले इज़रायल पूरी तरह से हमले बंद करने और लेबनान की संप्रभुता का सम्मान करने का वादा करेगा।

अन्य शर्तें और पहलू
हर चरण में इज़रायल अपनी फौजी कार्रवाई की आज़ादी बनाए रखेगा ताकि हिज़्बुल्लाह फिर से ताक़तवर न हो पाए।

अमेरिका लेबनान की सेना को फिर से तैयार करेगा और उसमें से “प्रतिरोध से जुड़े” लोगों को हटाएगा, ताकि सेना अंतरराष्ट्रीय फोर्स की जगह ले सके।

यूनिफिल (UN फोर्स) को सिर्फ अस्थायी और सीमित रोल मिलेगा।

आर्थिक पैकेज और दक्षिण लेबनान का पुनर्निर्माण सिर्फ तभी मिलेगा जब लेबनान हिज़्बुल्लाह को निशस्त्र करने में प्रगति दिखाएगा। अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय खिलाड़ी हिज़्बुल्लाह पर राजनीतिक और आर्थिक दबाव डालेंगे। ईरान के रोल को ख़ास तौर पर ध्यान में रखते हुए रणनीति अपडेट होती रहेगी। यह रिपोर्ट साफ करती है कि इज़रायल का असली प्लान कोई छोटा संघर्ष नहीं बल्कि लंबा, कई स्तरों पर चलने वाला दबाव है—जिसमें सैन्य हमले, राजनीतिक सौदे और आर्थिक लालच सब शामिल हैं।

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