इज़रायल समर्थक, फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार में साझेदारी रोकें: बक़ाई
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आज मानवाधिकार परिषद की जांच आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि, ग़ाज़ा में नरसंहार करने वाले इज़रायली शासन के समर्थक और उसका बचाव करने वाले अपने कानूनी और नैतिक दायित्वों को पूरा करें और फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार में अपनी साझेदारी और मिलीभगत को तुरंत बंद करें।
फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी के विदेश नीति डेस्क के अनुसार, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माईल बक़ाई ने यह बातेंआज (गुरुवार, 18 सितंबर) संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की स्वतंत्र जांच आयोग की हालिया रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कही, जिसमें ग़ाज़ा में इज़रायली अपराधों को “जनसंहार” बताया गया है।
उन्होंने याद दिलाया कि 1 सितंबर को ब्रिटेन के तत्कालीन विदेश मंत्री डेविड लैमी ने अपने देश की संसद की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के अध्यक्ष को लिखे पत्र में इस बात पर ज़ोर दिया था कि, इज़रायल ने जनसंहार नहीं किया है। उस पत्र में लिखा गया था: “जनसंहार सम्मेलन के अनुसार, जनसंहार का अपराध तभी माना जाता है जब किसी राष्ट्रीय, जातीय, नस्ली या धार्मिक समूह को पूरी तरह या आंशिक रूप से नष्ट करने का विशेष इरादा मौजूद हो, और सरकार इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है कि, इज़रायल ऐसा कोई इरादा रखकर काम कर रहा है।”
इज़रायल ग़ाज़ा में जनसंहार कर रहा है
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा: “अब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का स्वतंत्र जांच आयोग, जिसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध विधिवेत्ता नवी पिल्लै कर रही हैं, ग़ाज़ा में हो रहे अपराधों और क्रूरताओं की वास्तविकता पर कोई शक नहीं छोड़ता। इस आयोग ने 72 पन्नों की कानूनी समीक्षा में तथ्यों और आँकड़ों के आधार पर यह स्पष्ट किया है कि इज़रायल ग़ाज़ा में जनसंहार कर रहा है।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा: “आयोग का निष्कर्ष है कि, इज़रायल के अधिकारी और सुरक्षा बल फ़िलिस्तीनियों को पूरी तरह या आंशिक रूप से नष्ट करने के जनसंहारक इरादे से काम कर रहे थे और अब भी कर रहे हैं।” बक़ाई ने अंत में कहा कि, नरसंहारक शासन के समर्थक और उसका बचाव करने वाले अपने कानूनी और नैतिक दायित्वों को स्वीकार करें और फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार में सहभागिता और मिलीभगत को बंद करें। पिछले दो वर्षों में और विशेषकर “तूफ़ान अल-अक़्सा” अभियान के बाद से अब तक 65 हज़ार से अधिक लोग ग़ज़ा में इज़रायली हमलों और अपराधों में शहीद हो चुके हैं।
ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को अपनी ताज़ा रिपोर्ट में बताया कि पिछले 24 घंटों में इज़रायली सेना के हमलों में 98 लोग शहीद हुए हैं और 385 घायलों को ग़ाज़ा पट्टी के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। बड़ी संख्या में पीड़ित अब भी मलबे और सड़कों के किनारे पड़े हैं, जिन्हें बचाव दल पहुँच की कमी के कारण संभाल नहीं पा रहे। मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्तूबर 2023 से अब तक इज़रायली हमलों में शहीदों की संख्या 65,062 हो गई है और घायलों की संख्या 1,65,697 तक पहुँच गई है।

