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इज़रायल को कड़ी सज़ा का इंतज़ार करना चाहिए: सुप्रीम लीडर

इज़रायल को कड़ी सज़ा का इंतज़ार करना चाहिए: सुप्रीम लीडर

शुक्रवार तड़के इज़रायली सेना ने ईरान की सरज़मीन पर एक व्यापक हवाई हमला किया, जिसमें कई आम नागरिकों और इस्लामी गणराज्य के सैन्य अधिकारियों की शहादत हुई। यह हमला स्पष्ट रूप से ईरान की संप्रभुता पर हमला है और पूरे क्षेत्र में तनाव को नई ऊँचाइयों पर ले गया है।

इस हमले के जवाब में इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह सैय्यद अली ख़ामेनेई ने एक निर्णायक और प्रेरणादायक संदेश जारी किया। उन्होंने न केवल इज़रायली शासन की क्रूरता की निंदा की, बल्कि यह भी साफ़ कर दिया कि इस जुर्म का अंजाम अब बेहद सख़्त और दर्दनाक होगा।

सुप्रीम लीडर ने अपने बयान में कहा:
“इज़रायली शासन ने आज सुबह हमारे वतन पर ज़ुल्म ढाया है। इस अपराध से उसने अपनी शैतानी फितरत को और भी अधिक बेनकाब कर दिया है। रिहायशी इलाकों पर हमला करना युद्ध नहीं, एक जघन्य आतंकवादी हरकत है। अब यह शासन एक कड़ी सज़ा का हक़दार है, और वह उसे ज़रूर मिलेगी।”

उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि ईरान की सशस्त्र सेनाएं पूरी तरह सतर्क हैं और यह हमला उनके हौसले को नहीं तोड़ सकता। जिन कमांडरों और वैज्ञानिकों ने शहादत पाई है, उनकी जगह लेने वाले अफ़राद पहले से ज़्यादा संकल्प और शक्ति के साथ अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभाएँगे।

यह बयान न केवल ईरानी जनता को एकजुट करता है, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी देता है कि ईरान अब और चुप नहीं रहेगा। इज़रायल द्वारा फैलाए जा रहे आतंक का मुँहतोड़ जवाब दिया जाएगा, और यह जवाब, सैन्य, रणनीतिक और नैतिक, हर स्तर पर होगा।

इस बयान से यह भी स्पष्ट है कि यह संघर्ष अब केवल दो देशों के बीच नहीं, बल्कि न्याय और अन्याय, दमन और प्रतिरोध की एक वैश्विक लड़ाई का रूप ले चुका है,और सुप्रीम लीडर ने यह साफ़ कर दिया है कि इस लड़ाई में ईरान झुकेगा नहीं।

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