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दक्षिण सीरिया में इज़रायल द्वारा एक बड़ा सैन्य अड्डा बनाने की तैयारी

दक्षिण सीरिया में इज़रायल द्वारा एक बड़ा सैन्य अड्डा बनाने की तैयारी

अरब मीडिया सूत्रों के मुताबिक, इज़रायल ने सीरिया के दक्षिणी हिस्से, विशेष रूप से क़ुनैत्रा प्रांत के ‘जबत अल-खशब’ जंगल में एक नए सैन्य निगरानी अड्डे के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कार्य में भारी कंक्रीट ब्लॉक और सैन्य उपकरण बुलडोज़रों की मदद से लाए जा रहे हैं। इज़रायली सेना का दावा है कि यह निर्माण ‘निगरानी बढ़ाने’ के लिए किया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि यह पूरे इलाके पर क़ब्ज़े की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।

यह वही इलाका है जिसे इज़रायल ने दिसंबर 2024 में ज़बरदस्ती क़ब्ज़ा कर लिया था। एक और स्पष्ट उदाहरण कि इज़रायल सीरिया की संप्रभुता का किस तरह उल्लंघन कर रहा है। बशर अल-असद की सरकार के कमज़ोर होने के बाद से इज़रायल ने हर मौके का फायदा उठाया है, और सीरिया की ज़मीन पर बंकर, सैन्य चौकियां और अब निगरानी अड्डे बनाकर वहां की भू-राजनीतिक स्थिति को अस्थिर कर रहा है।

इज़रायली वायुसेना ने बीते कुछ वर्षों में सैकड़ों बार सीरिया के सैन्य ठिकानों पर बमबारी की है, जिससे सीरिया की सैन्य संरचना लगभग पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। अब वह धीरे-धीरे ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर रहा है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, इज़रायल ने सीरिया की 665 वर्ग किलोमीटर ज़मीन पर कब्ज़ा जमा लिया है।

यह सब उस ‘चुपचाप फैलते हुए कब्ज़े’ (creeping occupation) का हिस्सा है, जिसमें इज़रायल न तो संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों की परवाह करता है और न ही सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता का। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी और पश्चिमी देशों की मिलीभगत ने उसे और दुस्साहसी बना दिया है।

इस विस्तार से स्पष्ट होता है कि इज़रायल की नीयत केवल अपनी सुरक्षा नहीं बल्कि पूरे दक्षिणी सीरिया को नियंत्रित करने की है। एक ऐसा खतरनाक कदम जो भविष्य में और भी व्यापक संघर्ष को जन्म दे सकता है।

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