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ग़ाज़ा की ओर जा रहे ‘आज़ादी बेड़े’ पर इज़रायल ने फिर किया हमला

ग़ाज़ा की ओर जा रहे ‘आज़ादी बेड़े’ पर इज़रायल ने फिर किया हमला

बुधवार सुबह इज़रायल की नौसेना ने एक बार फिर ग़ाज़ा के लिए जा रही मानवीय सहायता जहाज़ों पर अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में हमला किया और ‘आज़ादी बेड़े’ के सभी यात्रियों को गिरफ़्तार कर लिया।

ज़ायोनी शासन की नौसेना ने घोषणा की कि उसने तुर्की से ग़ाज़ा की ओर जा रहे ‘आज़ादी बेड़े’ पर हमला किया और उसमें सवार सभी लोगों को हिरासत में ले लिया। इज़रायली सेना ने एक बयान में कहा कि आज सुबह 7:39 बजे, नौसेना ने ग़ाज़ा की ओर बढ़ रहे इन जहाज़ों पर कार्रवाई की और सभी सवारों को गिरफ़्तार कर लिया।

इज़रायल के चैनल 12 के अनुसार, लगभग 150 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और उन्हें अशदूद (Ashdod) बंदरगाह ले जाया जा रहा है। ‘ग्लोबल सुमूद फ्लीट’ प्रबंधन ने प्लेटफ़ॉर्म X पर बताया कि इज़रायल की नौसेना ने ‘आज़ादी बेड़े’ पर हमला किया है, जो ग़ाज़ा नाकाबंदी तोड़ने के उद्देश्य से रवाना हुआ था।

‘ग़ाज़ा सीज ब्रेकिंग इंटरनेशनल कमेटी’ ने भी पुष्टि की कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में, ग़ज़ा तट से लगभग 222 किलोमीटर की दूरी पर किया गया। ‘आज़ादी बेड़े’ पर लगे सुरक्षा कैमरों की फुटेज में दिख रहा है कि इज़रायली सैनिक कई जहाज़ों में दाखिल हुए और यात्रियों को पकड़ लिया। रॉयटर्स ने बेड़े के प्रबंधन के हवाले से बताया कि इज़रायली सेना ने जहाज़ों के सिग्नल सिस्टम को बाधित कर दिया और कम से कम दो जहाज़ों पर हमला किया।

वहीं, इज़रायल के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि सभी जहाज़ और यात्री “सुरक्षित” हैं और उन्हें इज़रायल के एक बंदरगाह पर लाया गया है, जहाँ से उन्हें जल्द ही निष्कासित कर दिया जाएगा। मंत्रालय ने ‘आज़ादी बेड़े’ की इस कोशिश को “नाकाबंदी तोड़ने और युद्धग्रस्त क्षेत्र में घुसने की एक और असफल कोशिश” बताया। यह बेड़ा 11 जहाज़ों पर आधारित था और 25 सितंबर को इटली से अपनी यात्रा पर निकला था।

इज़रायल के चैनल 13 ने कुछ घंटे पहले रिपोर्ट दी थी कि सेना एक और बेड़े को रोकने की तैयारी कर रही है, जो इटली से रवाना हुआ था और जिसके आज रात ग़ाज़ा तट पर पहुँचने की उम्मीद थी। इज़रायली सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस बेड़े से निपटना और भी कठिन साबित हो सकता है।

अल-जज़ीरा के अनुसार, ‘आज़ादी बेड़ा’ इटली के सिसिली द्वीप से रवाना हुआ था और तमाम धमकियों व विरोधों के बावजूद ग़ाज़ा की ओर बढ़ रहा था। इनमें से एक जहाज़ जिसका नाम ‘अल-ज़मीर’ है, 25 देशों के पत्रकारों और चिकित्साकर्मियों को लेकर जा रहा था। उनका उद्देश्य अपने साथियों के साथ मिलकर ग़ाज़ा की नाकाबंदी तोड़ने के प्रयास में भाग लेना था।

यही जहाज़ इस साल मई में भी माल्टा तट के पास इज़रायल के हमले का निशाना बना था। इसके अलावा, पिछले बुधवार को भी इज़रायल की नौसेना ने ‘ग्लोबल सुमूद फ्लीट’ पर हमला किया था, जो 42 जहाज़ों का एक बड़ा बेड़ा था। उस वक़्त सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर कात्सियूत जेल (दक्षिणी इज़रायल) में भेजा गया था और बाद में उनकी निष्कासन प्रक्रिया शुरू की गई थी।

‘आज़ादी बेड़ा’ और उससे पहले ‘ग्लोबल सुमूद फ्लीट’ का यह मिशन, ग़ाज़ा पर इज़रायली समुद्री नाकाबंदी तोड़ने की नवीनतम कोशिश मानी जा रही है — उस ग़ाज़ा की, जहाँ इज़रायल की लगातार बमबारी में अब तक 67 हज़ार से ज़्यादा लोग शहीद और दसियों हज़ार घायल हो चुके हैं।

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