अमेरिका के पैसे से इज़रायल नरसंहार कर रहा, अब बहुत हो चुका: बर्नी सैंडर्स
अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने मंगलवार को कहा कि ग़ाज़ा में नागरिकों की बढ़ती मौतों और भुखमरी के चलते वह इज़रायल को आक्रामक हथियारों की बिक्री रोकने के लिए सीनेट में वोटिंग की प्रक्रिया जल्द शुरू करेंगे। अपने बयान में सैंडर्स ने कहा, “अमेरिकी टैक्सदाताओं के अरबों डॉलर नस्लवादी और उग्रवादी नेतन्याहू सरकार को दिए जा चुके हैं। अब बहुत हो गया।”
सीनेट में बुधवार को दो प्रस्तावों पर वोटिंग होने की संभावना है — एक, इज़रायल को 675.7 मिलियन डॉलर के हथियारों की बिक्री रोकने के लिए, और दूसरा, हजारों पूरी तरह से ऑटोमैटिक हथियारों की बिक्री को रोकने के लिए। सैंडर्स ने ज़ोर देकर कहा कि अमेरिका अब उस सरकार पर टैक्सपेयर्स का पैसा खर्च नहीं कर सकता जिसने अक्टूबर 2023 से अब तक 60,000 से ज़्यादा फिलिस्तीनियों को मार डाला है, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका उस इज़रायल का समर्थन नहीं कर सकता जिसने मानवीय मदद को रोका, ग़ाज़ा में अकाल फैलाया और लोगों को भूख से मरने पर मजबूर कर दिया।” सैंडर्स ने यह भी कहा, “अब वक्त आ गया है कि, अमेरिकी कांग्रेस अपने दबाव के सबसे बड़े हथियार यानी अरबों डॉलर की सैन्य मदद का इस्तेमाल करे और इज़रायल को इन जघन्य अपराधों को बंद करने पर मजबूर करे।”
7 अक्टूबर 2023 से इज़रायल ने अंतरराष्ट्रीय युद्ध-विराम की अपीलों को नजरअंदाज़ करते हुए ग़ाज़ा पर भीषण बमबारी की है, जिसमें 60,000 से ज़्यादा फिलिस्तीनी — ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे — शहीद हो चुके हैं। इस हमले ने ग़ाज़ा की ज़्यादातर बुनियादी ढांचे को तबाह कर दिया है।
पिछले नवंबर में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत (ICC) ने इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षामंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसके अलावा, इज़रायल पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में ग़ाज़ा युद्ध के दौरान नरसंहार के आरोप में मुकदमा चल रहा है।

