रायुल यौम की रिपोर्ट के अनुसार इस्राईली सेना के पूर्व प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल रोनिन मानलीस का कहना है कि ग़ज़्ज़ा पर हमला तब शुरू हुआ जब हमास ने अपनी ताक़त का लोहा मनवा लिया और राजनैतिक स्तर पर देखा जाए तो इस्राईल के पास रणनीति का भारी अभाव है।
क्षेत्र में इतनी बड़ी घटनाएं हो रही हैं लेकिन इस्राईल में कोई एक भी अधिकारी नहीं है जो कैमरे के सामने आए और ब्रीफ़िंग दे। यह सही है कि इस्राईली सेना ग़ज़्ज़ा में आप्रेशन कर रही है लेकिन विवेक की लड़ाई जीतने के ज़रूरी तत्व उसके पास नहीं हैं।
इस्राईल के चैनल 12 की वेबसाइट पर प्रकाशित होने वाले अपने लेख में सेना के पूर्व प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल रोनिन मानलीस ने लिखा कि इस्राईली सेना हर घंटे हमले कर रही है लेकिन उसके पास कोई व्यवस्था नहीं है जिससे जानकारियां सारी दुनिया में जाएं और महत्वपूर्ण वीडियोज़ भी मीडिया के सामने पेश की जाएं। इसका नतीजा यह निकला है कि इस्राईल के भीतर लोगों के पास जानकारियों की भारी कमी है।
जनरल रोनिन के अनुसार इस्राईल रमज़ान के महीने में उस समय भी परसेप्शन की लड़ाई हार गया था जब सारी दुनिया के मीडिया संस्थानों में क़ुद्स के फ़िलिस्तीनियों पर इस्राईली हमले की तस्वीरें और वीडियोज़ छा गईं। इस्राईल इस स्थिति का कोई भी तर्क पेश नहीं कर पाया। सारी दुनिया ने देखा कि इन हालात में यहूदी क़ुद्स में नाच रहे हैं।
रोनिन मानलीस ने कहा कि कुछ यहूदी संस्थाएं इस दिशा में काम कर रही हैं मगर उनके भीतर आपसी समन्वय नहीं है और वह आधुनिक तकनीक का सही इस्तेमाल भी नहीं कर पा रही हैं। वास्तव में इस्राईल में बहुत पहले से पारदर्शिता की भारी कमी है और इस समय यह कमी और भी स्पष्ट होकर सामने आ रही है।