इज़रायल को समझ नहीं आ रहा है कि यमन के साथ क्या करे: मआरिव
अखबार मआरिव ने लिखा है कि यमनियों ने युद्ध की शुरुआत से अब तक 200 से अधिक मिसाइलें और 170 से अधिक विस्फोटक ड्रोन कब्जे वाले क्षेत्रों की ओर दागे हैं। इस अखबार ने दावा किया कि अमेरिकी सेना और इज़रायली वायु और जमीनी बलों ने यमन की अधिकांश मिसाइलों और ड्रोन को रोकने में सफलता प्राप्त की है।
इस बीच, मआरिव के सैन्य मामलों के विश्लेषक आवी अश्कनाज़ी ने लिखा है कि, इज़रायल, यमन के खतरों से निपटने में खुद को असमर्थ पाता है और उनका सामना करने में विफल रहा है। उन्होंने कहा, “समय हाथ से निकलने के बाद, इज़रायल ने पूर्व से आने वाले खतरे को महसूस किया। इज़रायली सेना को यमन के खतरों का सामना करने में, चाहे वह रक्षा हो या आक्रामक स्तर, कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।”
अश्कनाज़ी ने यह भी कहा, “यमनियों ने पिछले एक साल से क्षेत्रीय और इज़रायल की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव डाला है।” उन्होंने कहा, “इज़रायली सेना और खुफिया एजेंसियां, यमन के खतरों का जवाब देने में धीमी साबित हुई हैं और अब यमनियों के खिलाफ खुफिया जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही हैं।”
इस ज़ायोनी विश्लेषक ने कहा, “हाल ही में इज़रायल द्वारा यमन पर किए गए हवाई हमले केवल एक दिखावा थे और इससे न तो कोई बड़ा सैन्य नुकसान हुआ और न ही इज़रायल वांछित स्तर की प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त कर सका।”इज़रायली रेडियो ने बताया कि इज़रायली सेना उस यमनी मिसाइल को रोकने में असफल होने की जांच कर रही है, जो तेल अवीव में फटी थी और जिसके परिणामस्वरूप 30 लोग घायल हो गए।
यमनी सशस्त्र बलों के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल यहया सरी ने घोषणा की कि, “यमनी सशस्त्र बलों की मिसाइल इकाई ने सर्वशक्तिमान ईश्वर की मदद से कब्जे वाले क्षेत्र के याफा इलाके में इज़रायल के एक सैन्य ठिकाने को ‘फिलिस्तीन 2’ नामक सुपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल से निशाना बनाया।”