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इज़रायल में ईरान से जंग जारी रखने की ताक़त नहीं बची थी: ट्रंप के पूर्व सलाहकार

इज़रायल में ईरान से जंग जारी रखने की ताक़त नहीं बची थी: ट्रंप के पूर्व सलाहकार

अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी यह रिपोर्ट बताती है कि, डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व रणनीतिकार और सलाहकार स्टीव बैनन ने ईरान और इज़रायल के बीच युद्ध-विराम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह युद्ध इज़रायल की क्षमता से कहीं अधिक था और वह सिर्फ़ अपनी रक्षा के लिए युद्ध-विराम मानने पर मजबूर हुआ।

बैनन ने ज़ोर देकर कहा कि इज़रायल ने इसलिए युद्ध-विराम स्वीकार किया क्योंकि उसमें अब लड़ने की ताक़त नहीं बची थी। उन्होंने ईरान की भारी मिसाइल प्रतिक्रिया का ज़िक्र करते हुए लिखा:
“कल का दिन इज़रायली जनता के लिए बेहद भयावह था… यह युद्ध-विराम दरअसल इज़रायल को बचाने की कोशिश थी। यही वो छुपी हुई सच्चाई है। वो एक ऐसे संघर्ष में कूद पड़े थे जो उनकी क्षमता से बाहर था और अब उनके पास आगे बढ़ने की ताक़त नहीं बची थी।”

बैनन ने ईरानी मिसाइल हमलों से तेल अवीव और बेर शबा में हुए नुक़सान की ओर इशारा किया और बताया कि इज़रायल को इन शहरों में भारी हमले झेलने पड़े। उन्होंने आगे कहा कि इज़रायल के पास अब रक्षात्मक हथियारों का भंडार भी समाप्त हो चुका था, और ट्रंप ने क़तर की मदद से बीच में दख़ल दिया।

मंगलवार को, जब ईरान पर इज़रायली हमले का बारहवां दिन था, ईरान ने सोमवार रात क़तर स्थित अमेरिकी अड्डे ‘अल-उदीद’ पर मिसाइल हमला किया। इसके बाद मंगलवार सुबह 7 बजे (तेहरान समय अनुसार 7:30) ट्रंप ने ईरान-इज़रायल युद्ध-विराम की घोषणा की। इसके बाद, इज़रायली कैबिनेट ने एक बयान जारी कर बताया कि वह ट्रंप के युद्ध-विराम के अनुरोध को स्वीकार करता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इज़रायल ने ईरान और फ़िलिस्तीन पर हालिया हमला इस भ्रम में किया था कि उसे कोई गंभीर जवाब नहीं मिलेगा, लेकिन ईरान की ज़बरदस्त जवाबी कार्रवाई ने इज़रायल को भारी नुक़सान पहुँचाया और युद्ध-विराम के लिए मजबूर कर दिया।

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