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इज़रायल ने ग़ाज़ा में कब्रों पर चलाया बुलडोज़र, शव निकाले बाहर

इज़रायल ने ग़ाज़ा में कब्रों पर चलाया बुलडोज़र, शव निकाले बाहर

फिलिस्तीनियों पर अमानवीय अत्याचार करते हुए इज़रायल ने अब उनके कब्रिस्तानों को भी नहीं बख़्शा। सियासत उर्दू न्यूज़ पोर्टल पर छपी ख़बर के अनुसार, ग़ाज़ा के वक़्फ़ मंत्रालय के अनुसार, दक्षिणी ग़ज़ा में स्थित एक क़ब्रिस्तान को इज़रायली सेना ने पूरी तरह से रौंद दिया। इज़रायली टैंक और बुलडोज़र ‘तुर्क कब्रिस्तान’ में घुसे और कब्रें तोड़कर शव निकाल लिए। मंत्रालय ने इसे पवित्र स्थलों का घोर अपमान बताया है।
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यह बर्बरता ग़ाज़ा के ख़ान यूनुस क्षेत्र के पश्चिमी हिस्से अल-मवासी में स्थित तुर्क कब्रिस्तान में की गई। मंत्रालय ने बताया कि यह सिर्फ़ मरने वालों के सम्मान की नहीं, बल्कि मानवीय गरिमा और मृत्यु के बाद की शांति पर हमला है। इज़रायली सेना ने कब्रों के अलावा आसपास बसे बेघर फिलिस्तीनियों के शिविरों को भी ध्वस्त कर दिया। मंत्रालय के अनुसार, ग़ाज़ा के 60 कब्रिस्तानों में से दो-तिहाई या तो पूरी तरह से तबाह कर दिए गए हैं या आंशिक रूप से।

इज़रायली हमले जारी, 60 और फिलिस्तीनी शहीद
ग़ाज़ा में इज़रायली हमलों का सिलसिला रुक नहीं रहा। ताज़ा हमलों में 60 और फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें 27 वे लोग थे जो सहायता लेने पहुँचे थे। अरबी मीडिया के अनुसार, इन हमलों में 180 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इज़रायली सेना का कहना है कि पिछले 48 घंटों में ग़ाज़ा पर 250 बार हमला किया गया और उसकी पाँच डिविज़न लगातार ग़ाज़ा में आगे बढ़ रही हैं।

ग़ाज़ा बन चुका है भूखे बच्चों का कब्रिस्तान: UN एजेंसी
यूएन की फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए एजेंसी UNRWA के प्रमुख फिलिप लाज़ारिनी ने ग़ाज़ा की स्थिति को ‘भूख और बच्चों का कब्रिस्तान’ बताया है। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनियों के पास न मौत से बचने का रास्ता है, न भूख से — हर दिशा में सिर्फ़ तबाही है। उन्होंने चेताया कि यह निष्क्रियता और ज़्यादा अराजकता लाएगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, मई से अब तक लगभग 800 फिलिस्तीनी सिर्फ़ खाना लेने की कोशिश में मारे जा चुके हैं।

UN वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम ने कहा कि ग़ज़ा में भुखमरी संकट चरम पर है — हर तीन में से एक इंसान भूखे पेट रात बिताता है।

गुरुवार को ग़ाज़ा के शहर देर अल बलाह में खाना लेने के लिए कतार में खड़े 15 लोगों को इज़रायली सेना ने गोली मार दी, जिनमें 9 बच्चे और 4 महिलाएँ थीं। UN महासचिव के प्रवक्ता के अनुसार, मई से अब तक 819 लोग खाना पाने की कोशिश में जान गंवा चुके हैं — इनमें 634 लोग GHF केंद्रों के आसपास और 185 संयुक्त राष्ट्र की मानवीय राहत काफ़िलों के पास मारे गए।

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