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इज़रायल ग़ाज़ा में मानवीय मानवीय सहायता को रोक रहा है: यूनिसेफ

इज़रायल ग़ाज़ा में मानवीय मानवीय सहायता को रोक रहा है: यूनिसेफ

संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय बाल कोष (यूनिसेफ) ने एक ताज़ा रिपोर्ट में खुलासा किया है कि इज़रायल, ग़ाज़ा में बच्चों और नागरिकों के लिए ज़रूरी मानवीय सहायता पहुँचने से रोक रहा है। यूनिसेफ के अनुसार, युद्ध-विराम लागू होने के बाद भी इज़रायली हमले जारी हैं, जिनमें अब तक 271 फ़िलिस्तीनी, जिनमें 107 बच्चे शामिल हैं, शहीद हो चुके हैं और 622 लोग, जिनमें 221 बच्चे हैं, घायल हुए हैं।

यूनिसेफ ने बताया कि, इज़रायल न सिर्फ़ हमलों को जारी रखे हुए है, बल्कि ज़रूरी मेडिकल और राहत सामग्रियों की एंट्री पर भी रोक लगाए हुए है। संस्था ने कहा कि, इज़रायल बच्चों के टीकाकरण के लिए सिरिंज और दूध पिलाने की बोतलें ग़ाज़ा में भेजने से रोक रहा है, जिससे नवजातों और बच्चों की ज़िंदगियाँ खतरे में पड़ रही हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि इन हमलों में से ज़्यादातर “पीली रेखा” के पीछे हुए हैं, जो संघर्ष-विराम के तहत तय की गई सीमाओं में आती है। यानी, इज़रायल युद्ध-विराम की शर्तों का खुला उल्लंघन कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने आगे कहा कि समझौते के तहत ग़ाज़ा में रोज़ाना 600 ट्रकों को मानवीय मदद लेकर प्रवेश करना था, लेकिन वास्तविकता यह है कि, रोज़ाना 200 से भी कम ट्रक अंदर पहुँच पा रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि ग़ाज़ा में लाखों लोगों को न तो पर्याप्त खाना मिल पा रहा है, न दवाइयाँ और न ही पीने का साफ़ पानी।

यूनिसेफ ने चेतावनी दी कि हालात लगातार बिगड़ रहे हैं, क्योंकि इज़रायल अस्पतालों के लिए ईंधन, बिजली, और पानी की आपूर्ति पर भी रोक लगाए हुए है। भारी मशीनरी और मरम्मत उपकरणों की एंट्री लगभग नामुमकिन बना दी गई है, जिससे पुनर्निर्माण और राहत कार्य ठप पड़े हैं।

यूनिसेफ की यह रिपोर्ट उस समय आई है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय, ग़ाज़ा में स्थायी युद्ध-विराम और मानवीय गलियारे खोलने की अपील कर रहा है। लेकिन इज़रायल की पाबंदियाँ इस अपील को बेअसर करती दिख रही हैं, और सबसे ज़्यादा नुक़सान उन बच्चों को हो रहा है जिनकी ज़िंदगियाँ दवाओं, पानी और सुरक्षित आश्रय की कमी से दांव पर लगी हैं।

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