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इज़रायल ने इस्फ़हान में रक्षा ठिकाने पर किया हमला, ईरान का जवाबी प्रहार

इज़रायल ने इस्फ़हान में रक्षा ठिकाने पर किया हमला, ईरान का जवाबी प्रहार 

ईरानी अधिकारियों के अनुसार, इज़रायली सेना ने लगातार तीसरे दिन ईरान पर हमला करते हुए इस बार इस्फ़हान शहर में रक्षा मंत्रालय से जुड़े एक ठिकाने को निशाना बनाया। ईरानी सरकारी एजेंसी इसना के मुताबिक, इस हमले में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन विशेषज्ञ टीमें स्थिति का जायज़ा ले रही हैं। इससे पहले, इज़रायल ने शीराज़ की एक इलेक्ट्रॉनिक फैक्ट्री पर भी हमला किया था, जिससे आसमान में घना काला धुआँ छा गया।

वहीं, बट-यम शहर में ईरानी हमले के बाद लापता हुए सात में से चार लोगों को अस्पतालों में ढूंढ लिया गया है। इस हमले में अब तक छह लोगों की मौत और दर्जनों के घायल होने की पुष्टि हुई है।

ईरानी राष्ट्रपति डॉक्टर मसूद पेज़िश्कियान ने क़तर के अमीर शेख तमीम से बातचीत में कहा कि अमेरिका द्वारा ईरान पर दबाव और आक्रामक रणनीति पूरी तरह विफल हो चुकी है। उन्होंने इज़रायली हमलों को अमेरिका की खुली समर्थन नीति करार दिया और कहा कि अमेरिका ईरान पर जबरन अपने एजेंडे थोपना चाहता है।

तेहरान में एक प्रेस वार्ता में ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची ने कहा कि इज़रायल द्वारा अर्सलूये में ऊर्जा ढांचे पर हमला पूरे खाड़ी क्षेत्र को इस संघर्ष में खींच लाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि इज़रायली हमले रुक जाएं, तो ईरान भी जवाबी कार्रवाई बंद कर देगा। इस बीच, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन ने ईरान के साथ तत्काल परमाणु वार्ता की पेशकश की है। जर्मन विदेश मंत्री ने कहा कि उनका उद्देश्य तनाव को कम करना है ताकि ईरान क्षेत्र या यूरोप के लिए खतरा न बने।

ईरान ने इज़रायल के कई ठिकानों, जिनमें बंदरगाह शहर हाइफ़ा भी शामिल है, पर बैलिस्टिक मिसाइलों से जवाबी हमला किया। इन हमलों में इज़रायल के कई नागरिक मारे गए और घायल हुए हैं। वहीं, इज़रायल ने भी ईरान के ऊर्जा और रक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया, जिससे राजधानी तेहरान के पास कई ठिकानों पर आग लग गई।

ईरान की सबसे बड़ी गैस फील्ड में उत्पादन आंशिक रूप से बंद कर दिया गया है, जिससे वैश्विक तेल बाजारों में 9% तक कीमतें बढ़ गई हैं। पासदाराने इंकलाब ने चेतावनी दी है कि यदि इज़रायली हमले जारी रहे तो ईरानी हमले और अधिक व्यापक और विनाशकारी होंगे।

इसी दौरान, अमेरिका और रूस के राष्ट्रपतियों ने तनाव को समाप्त करने की आवश्यकता जताई है, हालांकि ईरान और अमेरिका के बीच ओमान में होने वाली वार्ता रद्द कर दी गई है। दूसरी ओर, इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि, वे ईरान के “हर स्थान और हर लक्ष्य” को निशाना बनाएंगे।

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