इजरायल का गाजा पर दोबारा वहशियाना हमला, 300 से ज्यादा की मौत, सैकड़ों घायल
इजरायल ने गाजा में एक बार फिर हवाई हमले शुरू कर दिए हैं, जिनमें अब तक 300 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 300 से अधिक घायल हुए हैं।हमास ने इजरायली हवाई हमलों को संघर्ष विराम का उल्लंघन बताया है। हमास ने चेतावनी दी है कि इन हमलों से उसकी कैद में मौजूद इजरायली बंधकों की जान को खतरा हो गया है।
इजरायल डिफेंस फोर्सेस (IDF) के अनुसार, इन हमलों में हमास के ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह हमला 19 जनवरी को हुए संघर्ष विराम के बाद सबसे बड़ा हमला है। इजरायली सेना ने दावा किया है कि उसने हमास के उन जवानों को निशाना बनाया, जो हमले की योजना बना रहे थे।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू जो क्रूूरता और दुप्प्रचार के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने एक बार फिर झूठा और निराधार आरोप लगाते हुए कहा कि यह हमला इसलिए जरूरी था क्योंकि संघर्ष_विराम समझौते पर हो रही बातचीत असफल हो गई थी। हालांकि संघर्ष_विराम समझौते पर हो रही बातचीत के असफल होने का सबसे बड़ा कारण नेतन्याहू हैं, क्योंकि नेतन्याहू अपनी सत्ता बचाने के लिए गाजा, लेवनान और सीरिया में लगातार निर्दोष नागरिकों, महिलाओं और मासूम बच्चों का नरसंहार कर रहे हैं।
नेेतन्याहू ने पिछले दो हफ्तों से गाजा में भोजन, दवाइयों, ईंधन, और अन्य आपूर्ति को रोक दिया है। इजरायल की मांग है कि हमास संघर्ष विराम समझौते में बदलाव स्वीकार करे। वास्तविकता यह है कि, यमन पर अमेरिका का हमला, लेबनान में इजरायल द्वारा लगातार सीजफायर का उल्लंघन और सीरिया में अल-जूलानी गुट के द्वारा एक हजार से ज्यादा सीरियाई नागरिकों का नरसंहार, दरअसल पूरे मिडिल ईस्ट को युद्ध की आग में झोंकना और वहां अशांति फैलाना है।
हमास और इजरायल के बीच संघर्ष फिर से बढ़ता जा रहा है, और इसके क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हो सकते हैं। संघर्ष विराम की असफलता और हवाई हमलों से दोनों पक्षों के बीच तनाव और बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर इस पर है कि क्या इस बढ़ते तनाव को शांत किया जा सकेगा या फिर यह और बढ़ेगा।