इज़रायल ने माना, हमास के हमले में भारी सैनिक नुकसान
ग़ाज़ा युद्ध के शुरू होने के 660 दिन बाद भी इज़रायली सेना, हमास और जिहाद-ए-इस्लामी के लड़ाकों के घातक हमलों में फँसी हुई है और भारी नुक़सान झेल रही है। ताज़ा मामले में हमास की सैन्य शाखा क़स्साम ब्रिगेड और जिहाद-ए-इस्लामी की सराया अल-क़ुद्स ने इज़रायली सेना पर ज़बरदस्त हमला किया।
इज़रायली सैन्य सूत्रों के हवाले से हिब्रू वेबसाइट “हादशोन लोनी कुलाम” ने बताया कि कल हमास के लड़ाके एक सुरंग से बाहर आए और इज़रायली बख़्तरबंद गाड़ी पर बम चिपका दिया। ज़ोरदार विस्फोट में तीन इज़रायली सैनिक मारे गए। हालांकि इज़रायली सेना ने रविवार सुबह एक बयान में केवल गोलानी ब्रिगेड के एक सैनिक की मौत की पुष्टि की और बताया कि 6 अन्य घायल हुए हैं।
कल के इस जटिल घात में क़स्साम ब्रिगेड के लड़ाकों ने दो इज़रायली बख़्तरबंद वाहनों को भीतर छिपाए गए विस्फोटकों से उड़ा दिया। फिलिस्तीनी सूत्रों के मुताबिक इस ऑपरेशन में कम से कम तीन इज़रायली सैनिक मारे गए। इसके बाद क़स्साम ब्रिगेड ने तीसरे इज़रायली बख़्तरबंद वाहन को यासीन-105 रॉकेट से निशाना बनाया। यह कार्रवाई दक्षिण ग़ाज़ा के ख़ान यूनुस क्षेत्र के अबसान अल-कबीर इलाके में हुई।
क़स्साम का कहना है कि एक इज़रायली सैन्य बुलडोज़र इन बख़्तरबंद वाहनों पर मिट्टी डालकर आग बुझाने की कोशिश कर रहा था। इसके थोड़ी देर बाद एक हेलीकॉप्टर घटनास्थल पर पहुंचा और हताहत सैनिकों को ले गया। एक अन्य ऑपरेशन में क़स्साम और सराया अल-क़ुद्स के लड़ाकों ने ख़ान यूनुस शहर के दक्षिण में स्थित इज़रायली सेना के एक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पर मोर्टार दागे।
इज़रायली सेना अपने सैनिकों के नुकसान की असली संख्या को छिपाने के लिए सख्त सूचना सेंसरशिप लागू करती है। इस वजह से हिब्रू मीडिया में मृतकों और घायलों की कोई सटीक और सही जानकारी नहीं दी जाती। लेकिन इज़रायली सेना के आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 से लेकर 27 जुलाई 2025 तक कुल 860 सैनिक मारे गए हैं — हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि असली संख्या इससे कहीं ज़्यादा है।
पिछले कुछ हफ्तों में ऐसा महसूस हो रहा है कि फिलिस्तीनी मुजाहिदीनों को नया जोश मिला है। उनके हमले और घात पहले से ज़्यादा संख्या में और ज़्यादा संगठित तरीके से हो रहे हैं। इज़रायली सैन्य रेडियो ने भी माना है कि हमास ने अपने कमांड सिस्टम को फिर से सक्रिय कर लिया है और अब उसके फील्ड कमांडर और सेंट्रल कमांड के बीच बेहतर समन्वय बन चुका है।

