ISCPress

इज़रायली अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों पर इराकी प्रतिरोध का दूसरा ड्रोन हमला

इज़रायली अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों पर इराकी प्रतिरोध का दूसरा ड्रोन हमला

इराकी प्रतिरोध समूह ने इज़रायली अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों पर दूसरा ड्रोन हमला किया है। इराकी इस्लामी प्रतिरोध समूह द्वारा किए गए हालिया ड्रोन हमले उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसे इराकी प्रतिरोध समूह ने फिलिस्तीन और लेबनान में अपने भाइयों की रक्षा के लिए अपनाया है। इस्लामी प्रतिरोध ने अपने बयान में कहा कि यह हमला निर्दोष नागरिकों पर ज़ायोनी शासन द्वारा किए जा रहे अत्याचारों और जनसंहार के जवाब में किया गया है।

हाल के दिनों में फिलिस्तीन और लेबनान में इज़रायली सेना के हमलों में सैकड़ों नागरिकों, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं, की मौत हुई है, जिसका प्रतिरोधी गुटों ने कड़ा विरोध किया है। इस्लामी प्रतिरोध के पहले हमले के कुछ ही दिनों बाद यह दूसरा हमला है। पहले हमले में, इराकी प्रतिरोध समूह ने उत्तरी फिलिस्तीन के कब्जे वाले क्षेत्र में इज़रायली सेना के एक महत्वपूर्ण लक्ष्य को ड्रोन से निशाना बनाया था। इस हमले से इज़रायल में काफी हलचल मच गई थी, और वहां के सुरक्षा बलों ने आपातकालीन सायरन सक्रिय कर दिए थे।

हालिया हमले के बाद, इज़रायली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तरी गोलान और दक्षिणी इलात क्षेत्रों में भी चेतावनी सायरन बज उठे। इसका मतलब यह है कि इराकी प्रतिरोध के हमले ने इन क्षेत्रों में भी खतरे की घंटी बजा दी है, और इज़रायली शासन इस स्थिति से निपटने के लिए अपने सुरक्षा तंत्र को सक्रिय कर रहा है। यह हमले इराकी प्रतिरोध के इरादों को दर्शाते हैं कि वे इज़रायल के खिलाफ अपने हमलों को और भी उग्र करने की तैयारी में हैं।

इराकी प्रतिरोध ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनके हमले केवल जवाबी कार्रवाई नहीं हैं, बल्कि यह एक दीर्घकालिक संघर्ष का हिस्सा हैं, जिसमें वे इज़रायली शासन के कब्जे को खत्म करने और अपने फिलिस्तीनी और लेबनानी भाइयों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। इस बयान से यह भी संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में इन हमलों की तीव्रता और बढ़ सकती है, और इराकी प्रतिरोध किसी भी कीमत पर अपने उद्देश्यों से पीछे हटने को तैयार नहीं है।

यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब पूरे मध्य पूर्व में हालात काफी तनावपूर्ण हैं। इराकी प्रतिरोध के इन हमलों ने कब्जे वाले फिलिस्तीन में सुरक्षा संबंधी चिंताओं को और बढ़ा दिया है। इज़रायली शासन इस प्रकार के हमलों का जवाब देने के लिए और भी सख्त कदम उठा सकता है, जिससे संघर्ष और भी गंभीर हो सकता है।

Exit mobile version