इराक़ी संसद के अध्यक्ष ‘सीरिया में तुर्की के बढ़ते प्रभाव’ को लेकर चिंतित
इराक़ की संसद के नव-निर्वाचित अध्यक्ष, महमूद अल-मशहदानी, ने अल-अरबिया चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि इराक़, सीरिया की स्थिति पर करीबी नज़र रखे हुए है, क्योंकि इस देश में होने वाले घटनाक्रमों का सीधा प्रभाव क्षेत्रीय सुरक्षा, विशेष रूप से इराक़ पर पड़ता है।
इस साक्षात्कार, में अल-मशहदानी ने चेतावनी दी कि सीरिया में इराक़ जैसे कोटा सिस्टम पर आधारित शासन प्रणाली स्थापित करने का प्रयास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बग़दाद, सीरिया के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप और इस देश के विभाजन का कड़ा विरोध करता है।
उन्होंने सीरिया के लिए गए इराक़ी सुरक्षा प्रतिनिधिमंडल की हालिया यात्रा और अहमद अल-शरअ (अल-जूलानी) के साथ उनकी मुलाकात को सकारात्मक करार दिया। इसके अलावा, उन्होंने दावा किया, “ईरान, सीरिया में होने वाली घटनाओं से चिंतित और परेशान है और इस मुद्दे को लेकर कई आशंकाएँ रखता है।”
सीरिया में तुर्की की उपस्थिति पर बात करते हुए अल-मशहदानी ने कहा, “तुर्की का सीरिया पर प्रभुत्व और वर्चस्व स्पष्ट है। हम नहीं चाहते कि तुर्की, सीरिया में ईरान की जगह ले।”
इराक़ी संसद अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री अल-सुदानी के साथ मुलाकात में इस बात पर ज़ोर दिया कि इराक़ में हथियार केवल सरकार के नियंत्रण में होने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिरोधी समूहों ने इज़रायल के खिलाफ हमलों को रोकने पर सहमति जताई है।
इसके बदले में, उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इज़रायल पर दबाव डालकर उसे इराक़ पर हमले करने से रोका है, लेकिन इज़रायली खतरों को लेकर इराक़ी अधिकारियों की चिंताएँ बनी हुई हैं। साक्षात्कार के एक अन्य भाग में, अल-मशहदानी ने इराक़ में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी पर चर्चा की और कहा कि जल्द ही इस विषय पर एक कानून पारित किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर अमेरिका और ईरान के बीच कोई टकराव होता है, तो इराक़, इनमें से किसी भी पक्ष का समर्थन नहीं करेगा।